Supreme Court: CJI बीआर गवई की पीठ ने क्यों पूछा- आप जानते हैं... नेपाल में प्रतिबंध की कोशिश के बाद क्या हुआ?
नाबालिगों के लिए अश्लील वीडियो तक पहुंच रोकने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि पता है न नेपाल में प्रतिबंध लगाने की कोशिश के बाद क्या हुआ हालांकि सीजेआई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए अश्लील वीडियो तक पहुंच और अश्लील वीडियो देखने पर प्रतिबंध के मुद्दे पर विचार करने का फैसला किया। शुरुआत में पीठ ने कहा कि यह मामला सरकार के नीतिगत अधिकार क्षेत्र में आता है। याचिकाकर्ता के वकील वरुण ठाकुर ने कहा, युवाओं के लिए डिजिटल पहुंच की शुरुआत, खासकर कोविड-19 महामारी के बाद 14-18 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को बस एक क्लिक में अश्लील वीडियो के संपर्क में ला दिया है। कोविड के बाद बच्चे एक क्लिक में मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं। यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, चीन, अरब देश में इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। हालांकि नेपाल में हाल ही में हुए युवाओं के विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए सीजेआई ने कहा, आप जानते हैं कि उन्होंने नेपाल में इसे प्रतिबंधित करने की कोशिश की, फिर वहां क्या हुआ पीठ ने हालांकि 4 हफ्ते बाद मामले को फिर से सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई। याचिका में कहा गया है कि 2005 से हर सेकंड 5000 अश्लील वीडियो साइट्स देखी जा रही हैं। हर साल इंटरनेट या अश्लील वीडियो के माध्यम से 2 करोड़ से अधिक अश्लील वीडियोया अश्लील वीडियो क्लिपिंग जारी की जा रही हैं। अनुमान है कि भारतीय बाजार में 20 करोड़ से अधिक अश्लील वीडियो या अश्लील वीडियो क्लिपिंग, जिनमें चाइल्ड अश्लील वीडियो भी शामिल है, मुफ्त में उपलब्ध हैं। याचिका में धारा 69ए का भी हवाला दिया गया है, जो केंद्र सरकार को किसी भी कंप्यूटर संसाधन के जरिये किसी भी जानकारी तक जनता की पहुंच को रोकने के लिए निर्देश जारी करने का अधिकार देती है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उक्त प्रावधान के तहत प्राप्त शक्तियों के बावजूद केंद्र ने ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। अश्लील वीडियो देखने पर अंकुश के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग याचिका में अश्लील वीडियो देखने पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने और एक कार्य योजना का मसौदा तैयार करने के लिए आदेश या निर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थान पर किसी भी प्रकार की अश्लील वीडियो सामग्री देखने पर रोक लगाने के लिए अथॉरिटी को उचित निर्देश जारी किए जाने चाहिए।
- Source: www.amarujala.com
 - Published: Nov 04, 2025, 07:18 IST
 
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