Budaun News: चिन्मयानंद से हारे तो शरद यादव का बदायूं से हो गया था मोहभंग

वर्ष-1991 के बाद शरद यादव चल पड़े थे बिहार की ओरबदायूं से 1989 में बंपर मतों से जीते थे लोकसभा चुनावबदायूं। नब्बे के दशक में बदायूं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले शरद यादव को अगर अगले लोकसभा चुनाव में हार का सामना नहीं करना पड़ता तो उनका जिले से मोह भंग नहीं होता। उनका राजनीतिक जीवन सबसे ज्यादा विपक्ष में गुजरा, लेकिन बदायूं जिले से नाता फिर भी बरकरार रहा। वह बदायूं को छोड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन भाजपा के स्वामी चिन्मयानंद से हारने के बाद वह असहज हो गए थे।पिछड़ों के नेता के रूप में पहचान कायम कर चुके शरद यादव ने वर्ष-1989 का लोकसभा चुनाव बदायूं से लड़ा। उस वक्त जिले के लोगों ने एक राष्ट्रीय नेता को इसलिए प्राथमिकता दी कि केंद्र में सरकार बनने पर वह जिले के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे। वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने शरद यादव को कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया। मंत्री बनने के बाद वह जनता का आभार व्यक्त करने के लिए जिले में आए तो लोगों को उम्मीद जागी कि वह कपड़ा फैक्टरी लगवाने की घोषणा करेंगे। इसके विपरीत, शरद यादव ने कोई घोषणा नहीं की। वह केंद्र की राजनीति में चमकते रहे, लेकिन जिले के विकास के लिए कोई बड़ी योजना लागू नहीं करा पाए।छात्र राजनीति के दौरान कई आंदोलनों का हिस्सा बने शरद यादव ने वर्ष-1991 का लोकसभा चुनाव फिर से बदायूं सीट से ही लड़ा, लेकिन भाजपा के स्वामी चिन्मयानंद ने उन्हें हरा दिया। हार की वजह सार्वजनिक रूप से तत्कालीन डीएम को बता चुके थे। इसके बाद बदायूं से खासकर राजनीतिक स्तर पर उनका मोहभंग हो गया। इसके बाद बिहार की राजनीति में सक्रिय होकर उन्होंने मधेपुरा को चुना। बिल्सी में की थी ऐतिहासिक रैलीबदायूं जिले से चुने जाने से पहले उन्होंने उन्होंने हर विधानसभा क्षेत्र में अपनी पैठ बना ली थी। उनकी राजनीति के जानकारों में बिल्सी के सोबरन सिंह बताते हैं कि शरद यादव के सभा करने की भनक लगते ही लोग खुद इकट्ठे हो जाया करते थे। शरद यादव ने चुनाव से पहले बिल्सी में ऐतिहासिक रैली की थी।जनता दल (यू) ने जताया शोकबदायूं। शुक्रवार को जनता दल-यू के जिला कार्यालय में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन पर शोकसभा का आयोजन किया गया। सभी ने दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। शोकसभा में जिलाध्यक्ष आराम सिंह यादव, नीरज कुमार वर्मा, सुदेश कुमार, आलोक यादव, विपिन, सौरभ गुप्ता, योगेंद्र सिंह, तेजपाल सिंह आदि मौजूद रहे। संवाद

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 14, 2023, 00:42 IST
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