Sudarshan Chakra: भारत को सशक्त बनाने में मदद करेगा रूस, सुदर्शन चक्र परियोजना का हिस्सा बनने की जताई उम्मीद

रूस के प्रभारी राजदूत रोमन बाबुश्किन ने बुधवार को कहा कि रूस के पास भारत की ओर से रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए अमेरिकी टैरिफ से पैदा हुई किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए एक खास रणनीति है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिए जाने के बाद नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंधों में खटास आ गई है। 50 फीसदी टैरिफ में भारत की ओर से रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25% अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। संबंधों में तेजी से सुधार का भरोसा एक मीडिया ब्रीफिंग में बाबुश्किन ने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नई दिल्ली के साथ अपने देश के संबंधों में तेजी से सुधार का भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि रूस भारत की विभिन्न सैन्य प्लेटफार्मों और हार्डवेयर की जरूरतों के लिए पसंदीदा साझेदार रहा है। वरिष्ठ रूसी राजनयिक ने यह भी कहा कि कहा कि रूस के नई दिल्ली की सुदर्शन चक्र नाम की एक नई वायु रक्षा प्रणाली बनाने की योजना का हिस्सा होने की उम्मीद है। परियोजना का एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान किया था। वैश्विक आर्थिक स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा के लिए हानिकारक उन्होंने कहा, 'हम इस समझ से आगे बढ़ते हैं कि जब इन प्रणालियों के विकास की बात आती है तो रूसी उपकरण इसका हिस्सा होंगे।' रूसी प्रभारी ने भारत पर रूसी तेल खरीदना बंद करने के लिए लगातार अमेरिकी दबाव को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह का रवैया और प्रतिबंध वैश्विक आर्थिक स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा के लिए हानिकारक है। 'भारत के साथ अपनी साझेदारी पर भरोसा' बाबुश्किन ने कहा, 'यह भारत के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है। हमें भारत के साथ अपनी साझेदारी पर भरोसा है और हम दोनों देशों के बीच ऊर्जा संबंधों में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।' उन्होंने विश्वास जताया कि भारत-रूस ऊर्जा सहयोग बढ़ता रहेगा। रूसी अधिकारियों ने स्वीकार किया कि पश्चिमी शुल्कों और प्रतिबंधों के मद्देनजर तेल आयात कीमतों में पांच फीसदी का उतार-चढ़ाव संभव है, हालांकि यह बातचीत का विषय होगा। रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदार चीन के खिलाफ ऐसी कोई कार्रवाई नहीं पिछले हफ्ते अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने चेतावनी दी थी कि अगर भारत रूसी कच्चे तेल की खरीद जारी रखता है, तो ट्रंप प्रशासन उस पर द्वितीयक शुल्क बढ़ा सकता है। हालांकि, अमेरिका ने रूस के साथ अपने ऊर्जा संबंधों के लिए भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया है, लेकिन उसने रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदार चीन के खिलाफ ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 21, 2025, 07:00 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »

Read More:
India news National



Sudarshan Chakra: भारत को सशक्त बनाने में मदद करेगा रूस, सुदर्शन चक्र परियोजना का हिस्सा बनने की जताई उम्मीद #IndiaNews #National #SubahSamachar