AQI Rajasthan : राजस्थान में सांसों पर संकट; टोंक में AQI 500, सीओपीडी से सबसे ज्यादा मौतें

राजस्थान में हवा की सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है। शनिवार को राज्य के कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गंभीर स्तर तक पहुंच गया। टोंक में पीएम 2.5 और पीएम 10 का सर्वाधिक स्तर रिकॉर्ड किया गया। केंद्रीय प्रदूषद नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार सोमवार कोटोंक मेंएयर क्वालिटी इंडेक्स राजस्थान में सबसे ज्यादा खराब रहा है। यहां पीएम 2.5 का स्तर 496 व पीएम 10 का स्तर 500 तक चला गया। वहींभिवाड़ी में AQI 400 से ऊपर दर्ज हुआ, जबकि जयपुर, श्रीगंगानगर और टोंक जैसे शहर भी पुअर और वेरी पुअर श्रेणी में रहे। प्रदूषण बढ़ने से लोगों के लिए खुले में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिन मौसम ड्राय रहेगा और हवाएं इसी तरह चलती रहेंगी, जिससे राहत की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि हालात नहीं सुधरे तो दिल्ली-एनसीआर जैसी श्वास व फेफड़ों संबंधी बीमारियों का खतरा राजस्थान में भी तेजी से बढ़ सकता है। इन शहरों में हवा सबसे ज्यादा खराब रही- टोंक- 500कोटा में AQI 302, भिवाड़ी में 431, बीकानेर 328, डूंगरपुर 300, जयपुर 372, हनुमानगढ़ 277,झालावाड़ 308, भरतपुर 327, सीकर 321, श्रीगंगानगर 416और टोंक में भी हवा वेरी पुअर श्रेणी में दर्ज हुई। यह भी पढें-Udaipur Royal Wedding:झीलों के बीच हुई अमेरिकी अरबपति की बेटी की शाही शादी, अब जेनिफर लोपेज करेंगी परफॉर्म राजस्थान मेंसीओपीडी से मौतें राष्ट्रीय औसत से अधिक वायु प्रदूषण और धूल के कारण इंसानी फेफड़े प्रभावित हो रहे हैं, सांस लेने में कठिनाई बढ़ रही है और श्वसन संबंधी बीमारियों में लगातार वृद्धि हो रही है। हाल मेंइंडियन चेस्ट सोसाइटी (ICS) के तत्वावधान में जयपुर में श्वसन रोग सम्मेलन भी हुआ था जिसमें यह जानकारी सामने आई कि देश में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा मौतें वायु प्रदूषण से होती हैं। डॉ. नितिन जैन ने बताया कि प्रदूषण का सबसे ज्यादा असरबच्चों और बुजुर्गों परपड़ता है, क्योंकि उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। बच्चों में फेफड़ों का विकास रुकता है और बुजुर्ग समय से पहले बीमारियों की चपेट में आते हैं। प्रदूषण हृदय रोग, स्ट्रोक, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाता है और व्यक्ति की स्वास्थ्य क्षमता तथा औसत आयु घटाता है। राजस्थान और भारत में सीओपीडी(क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और टीबी जैसी श्वसन बीमारियाँ आम हैं। WHO के अनुसार, विश्व स्तर पर सीओपीडी दूसरी और टीबी बारहवीं प्रमुख मृत्यु का कारण हैं। राजस्थान में सीओपीडी से होने वाली मौतों की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। विशेषज्ञों के अनुसार, वाहनों, वायु प्रदूषण, धूल और युवाओं में धूम्रपान की प्रवृत्ति इन रोगों के फैलाव में योगदान करती है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 24, 2025, 03:32 IST
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