फुटपाथ पर ठिठुर रही जिंदगी: छलका लोगों का दर्द, बोले- बिना आधार शेल्टर होम नहीं देते शरण, कोई कागज ही बनवा दे

घने कोहरे की चादर, कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे फुटपाथ पर सोना मजबूरी कहे या सिस्टम की देन। कहने के लिए प्रदेश सरकार ने निराश्रित लोगों के लिए शेल्टर होम में ठहरने की व्यवस्था की है। लेकिन, मजबूरी का आलम यह कि शेल्टर होम को लेकर प्रचार-प्रसार नहीं किया गया। सिर्फ दिखावे के लिए नगर निगम रात को कभी कभार फुटपाथ पर सो रहे लोगों को जबरन गाड़ी में भरकर शेल्टर होम पहुंचा देता है। इसके अलावा उसने कभी फुटपाथ पर सोने वालों की मजबूरी नहीं समझी। अमर उजाला से बातचीत में फुटपाथ पर रह रहे लोगों ने अपना दर्द बताया। कहा कि आधार कार्ड, पहचान पत्र न होने के कारण किराए पर कोई कमरा तक नहीं देता है। आलम यह कि फुटपाथ पर जीवन काटना पड़ रहा है। फुटपाथ पर बसर कर रहे विनोद ने बताया कि शेल्टर होम वाले ले तो जाते हैं पर वापस आने पर फुटपाथ पर फिर हमें हमारा सामान तक नहीं मिलता है। आधार कार्ड या कोई भी प्रूफ न हो तो शेल्टर होम वाले दिक्कत करते हैं। जेब में जो कुछ पैसे भी होते हैं वो निकलवा लेते हैं। जब प्रशासन हम पर इतनी मेहरबानी कर ही रहा है तो हमारा आधार कार्ड, पहचान पत्र ही बनवा दें, ताकि हमारी बहुत मदद हो जाएगी। मुन्नी का कहना है कि डेढ साल से फुटपाथ पर अपने पति के साथ रह रही हूं। मेरा डेढ़ साल का बच्चा भी है। मजबूरी में हमें फुटपाथ पर सोना पड़ता है। ठंड में फुटपाथ पर सो लेंगे पर शेल्टर होम नहीं जाएंगे। क्योंकि, शेल्टर होम वाले गाड़ी में रखकर ले जाते हैं और दूर कहीं रात को शेल्टर होम में छोड़ देते हैं। किराया हमारे पास होता नहीं तो सुबह पैदल चलकर आना पड़ता। गुड्डू ने बताया कि हमारे पास न आधार कार्ड है न पहचान पत्र। बनवाने की कोशिश की तो भी नहीं बना, इस कारण फुटपाथ पर सोना पड़ता है। प्रशासन हमारे लिए सिर्फ इतना कर दें कि हमारे कागज बनावा दें। ताकि हमें बहुत सहारा मिल जाएगा। पिछले 15 साल से फुटपाथ पर रह रहा हूं। फुटपाथ पर जिंदगी काट रहे करन ने बताया कि ठंड में रात को तो ले जाते हैं पर उससे क्या फायदा। सुबह जब हम वापस आते हैं तो जो कुछ भी हमारा सामान होता है वो भी नहीं मिलता। हमने खाना खाया है या नहीं खाया है, उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र यादव ने कहा कि शेल्टर होम निराश्रित लोगों के ठहरने के लिए ही है। दिन हो या रात कभी भी शेल्टर होम में ठहर सकते हैं। यदि किसी के पास कोई प्रीफ नहीं भी है तो भी ठंड में शेल्टर होम में ठहर सकते हैं। कोई भी प्रूफ हमारे कर्मचारी इसलिए मांगते है, ताकि कोई घटना या हादसा हो तो व्यक्ति की पहचान की जा सके।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 07, 2023, 16:12 IST
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