Bareilly News: जिले में सौ से ज्यादा अवैध कार बाजार, ऑनलाइन भी चला रहे झांसे की दुकान
बरेेली। जिले में सौ से ज्यादा अवैध कार बाजार संचालित हो रहे हैं। वर्ष 2012 में केंद्र सरकार की ओर से नीति जारी होने के बावजूद न तो किसी धंधेबाज ने पंजीकरण कराया, न ही कभी कर जमा किया। उल्टे, सरकारी जमीन ही कब्जा रखी है। नगर निगम आए दिन इन पर जुर्माना लगाता रहता है। सोशल मीडिया पर भी इन्होंने झांसे की दुकान खोल रखी है। एक बार ग्राहक इन तक पहुंच जाए, फिर ये उसे लौटने नहीं देते। लोन, डाउनपेमेंट सहित सारी सुविधाएं मुहैया कराते हैं। दिल्ली में हुए आतंकी हमले में इस्तेमाल की गई कार ऐसे ही बाजार से ली गई थी। पीलीभीत बाइपास रोड पर ऐसी 25-30 दुकानें हैं, जिनके आगे कारें खड़ी रहती हैं। ये पुरानी कारों को कमीशन पर बेचते हैं। वाहन स्वामी दुकानदारों के पास पहुंचकर अपनी कार खड़ी कर देता है। वह कार की कीमत बताता है। दुकानदार कीमत पर अपना कमीशन जोड़कर कार को दूसरे ग्राहक को बेच देते हैं। इसके बाद परिवहन विभाग में पकड़ रखने वाले बिचौलिये इन वाहनों का पंजीकरण दूसरे ग्राहक के नाम पर करा देते हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर ये ग्राहकों को सस्ती कार का झांसा देते हैं। रुपये कम पड़ने पर प्राइवेट फाइनेंस करा देते हैं। इससे ग्राहकों को ये कारें काफी महंगी पड़ जाती हैं।खुद को नियमों से ऊपर मानते हैं धंधेबाजपीलीभीत बाइपास रोड पर पुरानी कारों को बेचने वाले एक दुकानदार ने कहा कि उसका काम जीएसटी के अधीन नहीं आता। शोरूम से खरीदारी के वक्त ही कारों की जीएसटी जमा हो जाती है। 40 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले जीएसटी के अधीन आते हैं, जबकि कार बाजार वालों का टर्नओवर 25-30 लाख का ही होता है। संवादयह है नियमकेंद्र सरकार ने दिसंबर 2022 में ऑथराइज्ड डीलर ऑफ रजिस्टर्ड व्हीकल (एडीआरवी) और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई थी। इसमें नेटवर्थ एक करोड़ और पांच साल के लिए 20 लाख रुपये की बैंक गारंटी को अनिवार्य किया गया है। साथ ही, खुद का भूखंड और तीन साल पुराना जीएसटी पंजीकरण भी होना चाहिए। शासन स्तर से आदेश मिलने पर परिवहन विभाग की टीम कार बाजार पहुंची थी। इसके फाॅर्म भी दिए थे, लेकिन दुकान संचालकों ने आगे कोई पहल नहीं की और परिवहन विभाग के अफसर भी खामोश बैठे रहे।--कार बाजारों के पंजीकरण का प्रोविजन भी आ गया है, लेकिन अभी तक लागू नहीं है। मुख्यालय से इसका जल्द ही सर्कुलर जारी होने वाला है। जैसे नई गाड़ियों की बिक्री पर कर आरोपित होता है, वैसे ही इन पर भी लगेगा। ये लोग जीएसटी के अधीन भी आएंगे। अभी परिवहन विभाग से कोई मतलब नहीं है। ग्राहक से ग्राहक की सेल है। - पंकज सिंह, आरटीओ प्रशासन--किसी पंजीकृत कार बाजार या एप पर अगर कोई वाहन स्वामी कार की बिक्री करता है तो उसके मार्जिन पर दस फीसदी टैक्स का प्रावधान है। वाहन स्वामी से सीधे पुरानी कार खरीदने पर जीएसटी नहीं लगती। - आशीष निरंजन, अपर आयुक्त ग्रेड-1, राज्य कर
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 20, 2025, 03:44 IST
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