ऑपरेशन सिंदूर:पाकिस्तान पर भारी पड़े हमारे जांबाज, वीरता पुरस्कारों से सम्मानित विजेताओं के प्रशस्ति पत्र जारी

केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर समेत अन्य अभियानों में अदम्य साहस का परिचय देकर वीरता पुरस्कारों से सम्मानित होने वाले सैन्य कर्मियों की प्रशस्ति को भारत के गजट में प्रकाशित किया है। इससे पता चलता है कि 15 अगस्त को सम्मानित किए गए इन अधिकारियों ने किस तरह के ऑपरेशनों को अंजाम देकर देश को जीत दिलाई। इनमें सेना, वायुसेना के अधिकारी शामिल हैं। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में जिन कर्मियों का योगदान उल्लेखनीय रहा, उनमें सेना से कर्नल कोषांक लांबा, लेफ्टि. कर्नल सुशील बिष्ट, वायु सेना से ग्रुप कैप्टन रणजीत सिंह सिद्धू (पायलट), ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी (पायलट), स्क्वाड्रन लीडर रिजवान मलिक, फ्लाइंग (पायलट) व स्क्वाड्रन लीडर सिद्धांत सिंह, फ्लाइंग (पायलट) शामिल हैं। प्रशस्ति पत्र के अनुसार कर्नल कोषांक लांबा ने ऑपरेशन सिंदूर में बेहद कम समय में विशेष उपकरणों के समूह की हवाई मार्ग से तैनाती को अंजाम दिया। उनकी यूनिट को उत्तरी कमान में सबसे महत्वपूर्ण आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर कार्रवाई का काम सौंपा गया था। दुश्मन की गोलाबारी के बीच उनके दृढ़ नेतृत्व और बहादुरी के परिणामस्वरूप कई आतंकी शिविरों को नष्ट किया गया और बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए। असाधारण वीरता के लिए उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया। इसी तरह कमांडिंग ऑफिसर के रूप में ले. कर्नल सुशील बिष्ट ने असाधारण साहस, नेतृत्व कुशलता का परिचय दिया। उन्होंने आतंकवादी शिविरों को पूरी तरह नष्ट कर अपनी यूनिट को शानदार सफलता दिलाई। उन्होंने उपग्रह से प्राप्त ताजा चित्रों से सटीक लक्ष्य पर हमले के लिए गहन योजना बनाई। अंधेरे की आड़ में अपनी यूनिट को तेजी से तैनात किया। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया। ग्रुप कैप्टन रणजीत सिंह सिद्धू और दुर्जेय लड़ाकू विमान से सुसज्जित उनके स्क्वाड्रन को ऑपरेशन सिंदूर में पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर हमले के लिए चुना गया था। उनके स्क्वाड्रन ने लक्ष्यों पर सफल हमले किए। स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में, ग्रुप कैप्टन सिद्धू ने असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया। उन्होंने जान की परवाह किए बिना पश्चिमी क्षेत्र में तीन अलग-अलग स्थानों से हवाई अभियानों की योजना बनाई और इसे अंजाम दिया। उन्हें भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। रिजवान ने शत्रु की वायु रक्षा प्रणाली के बीच नष्ट किए लक्ष्य स्क्वाड्रन लीडर रिजवान मलिक (पायलट) ने आधी रात को मिशन के दौरान, बिना सुरक्षा वाले स्ट्राइक पैकेज के डिप्टी मिशन लीडर के रूप में उड़ान भरी और तय लक्ष्यों को नष्टों किया। दुश्मन ने इन लक्ष्यों को अत्यधिक शक्तिशाली वायु रक्षा हथियार प्रणालियों से सुरक्षित बना रखा था। रिजवान को उनकी बहादुरी के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। सिद्धांत ने हवा में लिए बेहतरीन निर्णय स्क्वाड्रन लीडर सिद्धांत सिंह के नेतृत्व में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, तीन एसी फॉर्मेशन को एक तय लक्ष्य पर सटीक हमले का जिम्मा सौंपा गया था। इस ऑपरेशन में असाधारण उड़ान कौशल और उच्चतम स्तर की हवाई कुशलता की आवश्यकता थी। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें दुश्मन देश की व्यापक नेटवर्क और एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली मौजूद थी, जिसमें लंबी और मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल व अन्य हथियार शामिल थे। इसके बावजूद, सिद्धांत ने हवा में बेहतरीन निर्णय लिए और निर्धारित लक्ष्यों को नष्ट किया। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 22, 2025, 07:55 IST
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