MP News: पी नरहरि बोले- प्रदेश में निवेश करने पर हम 40% का इंटेंसिव देते हैं, फरवरी में मनाएंगे MSME दिवस

मध्य प्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में 15 लाख करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव आये हैं। एमएसएमई सेक्टर में निवेश को लेकर सरकार बहुत रियासतें दे रही है। इसको लेकर अमर उजाला ने एमएसएमई के सेक्रेटरी पी नरहरि से बात की। उन्होंने बताया कि सरकार प्रदेश में निवेश करने पर 40 प्रतिशत तक का इंसेंटिव दे रही है। जीआईएस के बाद एमएसएमई की बैठक को लेकर पूछे सवाल पर उन्होंने बताया कि अब फरवरी माह में दो दिवसीय एमएसएमई दिवस मनाया जाएगा। सवाल- जीआईएस में एमएसएमई सेक्टर में कितना निवेश आया जवाब- प्रदेश के विभिन्न सेक्टरों में 15 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश आया है। यह विभाग के अनुसार नहीं फार्मास्युटिकल, टेक्सटाइल, स्टार्टअप जैसे सेक्टर के अनुसार देखा जाता है। सरकार ने इंवेस्ट मध्य प्रदेश पोर्टल बनाया हुआ है। उस पोर्टल पर सभी निवेशक को निवेश के साथ अपना उद्देश्य स्पष्ट रूप से बताना होता है। प्रदेश में आये निवेश में निश्चित ही एमएसएमई का बहुत बड़ा रोल रहता है। यह वैसे भी पूरे देश में कृषि के बाद सबसे बड़ा रोजगार प्रदान करने वाला सेक्टर है। आकड़ों की स्पष्टता के बाद विभाग को कितना निवेश मिला साफ हो पाएगा। सवाल- सरकार की तरफ से निवेशकों को क्या-क्या सुविधा दी जा रही हैं जवाब- मध्य प्रदेश शासन उद्यमियों की कठिनाईयों और परेशानियों को दूर करने के हिसाब से अपनी नीतियों का निर्माण करते जा रहा हैं। जैसे एमएसएमई विभाग में हम मशीनरी और प्लांट पर 40 प्रतिशत अनुदान देते है। यानी आपने 10 करोड़ रुपए लगाए तो हम 4 करोड़ रुपए तक चार किश्तों में इंटेंसिव देते हैं। इसके अलावा प्रदेश से एक्सपोर्ट करने, रोजगार देने समेत अलग-अलग क्षेत्र में भी इंटेंसिव देते है। इलेक्ट्रिसिटी, रोजगार निर्माण, पेटेंट से संबंधित अलग-अलग चीजों पर अतिरिक्त रियायतें देने का प्रावधान हमने किया है। सवाल- निवेशों को कोई दिक्कत ना हो, निवेश जमीन पर दिखे। इसके लिए सरकार क्या कर रही है जवाब- निवेशों को कोई दिक्कत ना इसके लिए जरूरी है कि नीतिया स्पष्ट हो। निवेशक सरलता से निवेश कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग के लिए जमीन आवंटित हो गई तो फिर तीन साल तक कोई अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। यह उद्योग जगत और उद्योग लगाने वालों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसको लेकर जल्द ही कानून आएगा। जब कुछ जरूरत ही नहीं है तो दिक्कत का सवाल ही नहीं उठता। सवाल- छोटे उद्यमियों की शिकायत है कि सरप्लस इलेक्ट्रिसिटी राज्य होने के बावजूद उनके लिए बिजली दरें देश में केरल के बाद सबसे ज्यादा है जवाब- उद्यमियों को राहत देने के लिए सरकार हर स्तर पर काम कर रही है। प्रदेश में इलेक्ट्रिसिटी को लेकर दो तरह से रियायत टैरिफ और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में दी जाती है। यह दोनों रियायतें प्रदेश के उद्यमियों को विभाग अनुसार दी जाती है। फिर भी दूसरे राज्यों से ज्यादा है तो हम इसका परीक्षण कराएंगे। सवाल- एमएसएमई में निवेश बढ़ाने के लिए सरकार आयोजन करेंगी जवाब- फरवरी माह में एमएसएमई दिवस मनाने वाले है। इसमें दो दिवसीय कार्यक्रम प्लान कर रहे हैं। इसमें भी हम अलग-अलग सेक्टर में सेशन का आयोजन करेंगे। यहां पर विचार और मंथन किया जाएगा। इससे निकलकर आने वाले विचार और आईडिया के अनुसार नीतियों का निर्माण कराया जाएगा। सवाल- प्रदेश में स्टार्टअप नीति के लागू होने के बाद रिस्पांस कैसा है जवाब- मध्य प्रदेश में मान्यता प्राप्त स्टार्टअप 2 हजार 600 बन गए हैं। 100 से 150 नए मान्यता प्राप्त स्टार्टअप बनते जा रहे हें। पिछले साल नई नीति के चलते बहुत ही सकारात्मक वातावरण निर्मित हो रहा है। खास तौर पर महिलाओं से संबंधित स्टार्टअप 40 प्रतिशत से ज्यादा है। यह बताता है कि हमारे मध्य प्रदेश में महिलाएं स्टार्टअप, एमएसएमई और उद्योग लगाने में आगे आ रही है और काम कर रही हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 14, 2023, 16:52 IST
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