चाय और फोटो खिंचवाने तक सीमित रहती हैं आपदा पर होने वाली बैठकें : डॉ. जनक

चंबा। आपदा को लेकर होने वाली बैठकें केवल चाय, पकोड़ा खाने और फोटो खिंचवाने तक सीमित रहती हैं। इन बैठकों में हर बार यही चर्चा होती है कि इस बार जो हो गया, सो हो गया, अगले साल इसे ठीक किया जाएगा। इस वजह से आपदा पर गंभीर चर्चा और रणनीति नहीं बन पाती। यह बात शुक्रवार को मानसून सत्र में में भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज ने कही। उन्होंने कहा कि उनके चुनाव क्षेत्र के तुर गांव का निवासी दलीप सिंह पिछले तीन दिनों से फोन करके यह बता रहा है कि उसके गांव के ऊपर पथर गिरने की कगार पर हैं, समय रहते कोई समाधान नहीं किया गया तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसी तरह का हादसा चड़ी पंचायत में भी 21 जुलाई को घटा था और घर के अंदर सो रहा नवविवाहित जोड़ा काल का ग्रास बन गया। ऐसी परिस्थिति तुर गांव में न हो, इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को तुरंत मौका करके सुरक्षा के प्रबंध करने चाहिए। उन्होंने कहा कि चड़ी पंचयात के सुताह गांव के लोग आज भी डर के साये में जी रहे हैं। जब उन्होंने एसडीएम को इस समस्या के समाधान के बारे में अवगत करवाया तो उसके एक माह बाद भी कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिली है। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया था कि उनके चुनाव क्षेत्र में भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में 15 किलोमीटर की दूरी पर होम शेल्टर बनाए जाएं। सामान्य दिनों में इन शेल्टरों को पंचायतो के हवाले किया जाए लेकिन खेद का विषय है कि सरकार ने उस सुझाव पर भी कोई अमल नहीं किया। इसके बारे में उन्होंने राजस्व मंत्री से सरकार की तरफ से जवाब देने की मांग की है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 23, 2025, 17:07 IST
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