Politics: नेहरू पर PM के बयान को लेकर कांग्रेस का पलटवार; खरगे बोले-प्रधानमंत्री नेहरू-पटेल पत्राचार को पढें
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का कड़ा जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पंडित जवाहरलाल नेहरू कश्मीर के भारत में विलय के पक्ष में नहीं थे। खरगे ने प्रधानमंत्री को चुनौती दी कि वे नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच हुए पत्राचार को पढ़ें और उस समय की संविधान सभा की चर्चाओं की समीक्षा करें। खरगे ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, प्रधानमंत्री का यह दावा झूठा और भ्रामक है। उन्होंने कहा कि नेहरू और पटेल दोनों ने जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के लिए अपनी-अपनी भूमिका निभाई थी। नेहरू उस समय शेख अब्दुल्ला से संपर्क में थे, जबकि पटेल महाराजा हरि सिंह से बातचीत कर रहे थे। दोनों का उद्देश्य था कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा बने। कांग्रेस प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि हिंदू महासभा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं ने उस दौर में कश्मीर को स्वतंत्र देश घोषित करने की बात कही थी। खरगे ने कहा, इतिहास गवाह है कि सावरकर और एमएस गोलवलकर कश्मीर के महाराजा के मेहमान रहे थे और हिंदू महासभा ने स्वतंत्र कश्मीर का समर्थन किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे सरदार पटेल के निजी सचिव वी. शंकर की संकलित पुस्तक सेलेक्टेड कॉरेस्पोंडेंस ऑफ सरदार पटेल का अध्ययन करें, जिसमें जम्मू-कश्मीर के विलय से जुड़ा सारा संवाद दर्ज है। खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री को इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने के बजाय सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि देश की एकता और संविधान की भावना नेहरू और पटेल, दोनों के साझा प्रयासों से मजबूत हुई थी। पीएम मोदी ने कही थी ये बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल को कश्मीर को पूरी तरह भारत में विलय करने से रोक दिया था। गुजरात के एकता नगर में सरदार पटेल की 150वीं जयंती के राष्ट्रीय समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि नेहरू की इच्छा पूरी न होने के कारण जो गलती हुई, उसने कश्मीर को दशकों तक अशांति और रक्तपात की आग में झोंक दिया। पीएम मोदी ने कहा कि यदि पटेल को पूरा अधिकार मिला होता, तो कश्मीर का इतिहास और देश की एकता की कहानी आज अलग होती। प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में नई बहस शुरू हो गई है। खरगे राहुल गांधी के कदमों पर न चलें- भाजपा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें राहुल गांधी के कदमों पर चलने के बजाय देश के असली दुश्मनों को पहचानना चाहिए। पार्टी ने खरगे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को बदनाम करने का आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता तुषार सिन्हा ने कहा कि शुक्रवार को जब पूरा देश लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मना रहा था, तब कांग्रेस अध्यक्ष ने उनके दिखाए रास्ते पर चलने के बजाय आरएसएस को बदनाम करने का प्रयास किया। यह बयान खरगे की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी निजी राय में आरएसएस पर प्रतिबंध लगना चाहिए क्योंकि देश में ज्यादातर कानून-व्यवस्था की समस्याएं बीजेपी और आरएसएस से ही जुड़ी हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस से जोड़कर सरदार पटेल की विरासत का अपमान किया है। भाजपा प्रवक्ता ने खरगे को याद दिलाया कि उनके परिवार ने निजाम शासन के दौरान हिंसा झेली थी। उन्होंने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष को यह नहीं भूलना चाहिए कि आरएसएस हमेशा राष्ट्रहित के लिए खड़ा रहा है। उन्हें राहुल गांधी की राह छोड़कर देश के वास्तविक दुश्मनों को पहचानना चाहिए और देश की सेवा में लगे संस्थानों को बदनाम करने से बचना चाहिए।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 01, 2025, 21:39 IST
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