Gangasagar Mela 2023: गंगासागर मेले में पहुंचे लाखों श्रद्धालु, कोरोना के बाद पहला बड़ा आयोजन

कोरोना के बाद पहली बार पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में आयोजित हो रहे गंगासागर मेले (Gangasagar Mela 2023) को लेकर लोगों में भारी उत्साह है। आठ तारीख से शुरू हुए इस मेले ने अब रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया है। धीरे-धीरे देश और दुनिया के साधु-संत और श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए हैं। मकर संक्रांति से पहले ही श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में डुबकी लगाना शुरू कर दिया है। मेला मकर संक्रांति के बाद 17 जनवरी तक चलेगा। इस बार मेले में 30 लाख से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है। मेले को लेकर राज्य सरकार ने बड़े स्तर पर व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद इसकी सारी व्यवस्थाओं को देख रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने मंत्रिमंडल के दस से अधिक मंत्रियों की अलग-अलग जगह ड्यूटी भी लगाई है। हर साल जनवरी महीने में मकर संक्रांति के आसपास गंगासागर मेले का आयोजन किया जाता है। यह पश्चिम बंगाल राज्य में सागर द्वीप या सागरद्वीप में होता है। मकर संक्रांति मकर संक्रांति के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाने के लिए सागर द्वीप जाते हैं। कोलकाता का आउट्रामघाट है पहला पड़ाव गंगा सागर मेले में जाने से पहले कोलकाता के बाबूघाट के पास सरकार की ओर से श्रद्धालुओं के रहने की व्यवस्था की है। यहां पर हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, सहित विश्व हिंदू परिषद और भारत क्षेत्रीय समाज जैसे समाजसेवी संस्थाएं लोगों की सेवा में जुटी हैं। यहां पर करीब 55 कैंप हैं, जिनमें सरकार के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाएं लोगों के रहने, खाने और मुफ्त चिकित्सा की बंदोबस्त कर रही हैं। यहां पर सरकार की तरफ से हर तरह की सुविधाएं दी हुई है। यहां से यात्री गंगासागर मेले के लिए रवाना होते हैं। सेवा ही परमो धर्म:, रात-दिन जुटे हैं सेवा में यहां पर लोगों की सेवा के लिए बिहार नागरिक संघ के चेयरमैन नरेश श्रीवास्तव ने बताया कि संघ पिछले कई वर्षों से लगातार मानवता की सेवा में लगा है। यहां पर आने वाले लोगों को सब कुछ नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है। रोजाना करीब-करीब दो से ढाई हजार लोग यहां पर भोजन करते हैं। यहां पर रहने की पूरी व्यवस्था है। इसी तरह से विश्व हिंदू परिषद ने भी यहां पर एक कैंप लगाया है, जिसमें रहना, भोजन और मेडिकल सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क है। महावीर प्रसाद बजाज ने बताया कि यहां पर रोजाना करीब तीन से चार हजार श्रद्धालुओं के लिए भोजन और चाय की व्यवस्था की गई है। परिषद हर साल इसका आयोजन करता है। आने-जाने की है पूरी व्यवस्था तीर्थयात्रियों को किसी तरह से परेशानी न हो इसके लिए 2250 सरकारी बसों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, 500 निजी बसें, 4 बार्ज, 32 जहाज, 100 लॉन्च, 21 जेटी की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही रेलवे से मेले के दौरान हावड़ा, सियालदा नामखाना के लिए अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का अनुरोध भी किया है। यात्रियों की सुविधा के लिए नाविक भी मौजूद रहेंगे। वे यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखेंगे। यात्री एक टिकट में गंगासागर की यात्रा कर सकते हैं। सुरक्षा के हैं कड़े इंतजाम सरकार ने मेला परिसर में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए मेगा कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। वहीं से पूरे मेले पर नजर रखी जा रही है। साथ ही मेला परिसर में 1100 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा 2100 सिविल डिफेंस व अन्य वालंटियर्स सेवा दे रहे हैं। 10 अस्थाई फायर स्टेशन बनाए गए हैं, जहां 25 दमकल गाड़ियां हैं। यात्रियों को परेशानी न हो इसके लिए 10 हजार से ज्यादा शौचालयों को तैयार किया जा रहा है। कोविड महामारी के दौरान गंगासागर द्वीप में मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले मेले को कई पाबंदियों का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु उत्सव में शामिल नहीं हो पाए थे। दो साल बाद श्रद्धालुओं को उत्सव में शामिल होने का मौका मिल रहा है। गंगासागर मेले में 14 से 15 जनवरी को पवित्र स्नान होगा। गंगासागर मेले का पौराणिक महत्व शास्त्रों के अनुसार, राजा सगर अश्वमेध यज्ञ का आयोजन कर रहे थे। राजा इंद्र ने घोड़े को चुरा लिया और घोड़े को कपिल मुनि के आश्रम के पास बांध दिया। राजा सगर के पुत्रों ने घोड़े को कपिल मुनि के आश्रम के पास देखा तो उन्होंने मुनि को चोर समझ लिया। क्रोधित मुनि ने लड़कों को श्राप देकर भस्म कर दिया। राजा सगर के पोते भागीरथ ने वर्षों तपस्या कर पवित्र गंगा से अपने पूर्वजों की राख पर बहने का अनुरोध किया। पवित्र गंगा ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया और स्वर्ग से नीचे आईं और राजा सगर के लड़कों की राख को धोया। उनके पूर्वजों की आत्माओं को मोक्ष मिला। यही कारण है कि मोक्ष प्राप्त करने और पुराने पापों से मुक्ति पाने के लिए लाखों लोग सागर द्वीप पहुंचते हैं और गंगा में पवित्र डुबकी लगाते हैं। मकर संक्रांति के दिन भक्त भगवान सूर्य चढ़ाकर उनकी पूजा करते हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 11, 2023, 17:54 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Gangasagar Mela 2023: गंगासागर मेले में पहुंचे लाखों श्रद्धालु, कोरोना के बाद पहला बड़ा आयोजन #CityStates #IndiaNews #WestBengal #Kolkata #GangasagarMela2023 #GangaSagarMela #MamataBanerjee #SubahSamachar