साल 2017 के हाई-प्रोफाइल अभिनेत्री यौन उत्पीड़न मामले में दिलीप बरी; छह आरोपी दोषी; आठ साल बाद आया फैसला

दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की सबसे चर्चित और दर्दनाक घटनाओं में शामिल 2017 की अभिनेत्री अपहरण और यौन उत्पीड़न मामले में सोमवार को एक बड़ा मोड़ आया। एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद अभिनेता दिलीप को सभी आरोपों से बरी कर दिया, जबकि आरोपी नंबर 1 से 6 को दोषी ठहराया गया। यह फैसला लगभग आठ साल चली कानूनी लड़ाई और सैकड़ों गवाहियों के बाद सामने आया। कैसे हुआ था अपराध ट्रायल के दस्तावेजों के अनुसार, 17 फरवरी 2017 की रात अभिनेत्री की कार में घुसकर मुख्य आरोपी पल्सर सुनी और उसके साथियों ने उन्हें अगवा किया। चलती गाड़ी में उनके साथ मारपीट, यौन उत्पीड़न और गैंगरेप किया गया। इतना ही नहीं, अपराधियों ने इस पूरी घटना के वीडियो भी रिकॉर्ड किए थे। कोर्ट ने माना कि घटना एक सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दी गई थी और सभी छह मुख्य आरोपियों पर लगे अपहरण, आपराधिक साजिश, गैंगरेप, गलत तरीके से बंधक बनाने और आईटी एक्ट के तहत आरोप साबित हुए। दिलीप पर क्या थे आरोप मलयालम इंडस्ट्री के सुपरस्टार दिलीप को जांच एजेंसी ने मामले में आठवां आरोपी बनाया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने पल्सर सुनी गैंग के साथ मिलकर अपराध की साजिश रची और बाद में जांच के दौरान सबूत छिपाने व गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की। इसके अलावा, उन पर जमानत की शर्तें तोड़ने का भी आरोप लगाया गया था। लेकिन कई वर्षों की गवाही, क्रॉस-एग्जामिनेशन और तकनीकी सबूतों की जांच के बाद कोर्ट ने माना कि दिलीप के खिलाफ पर्याप्त प्रमाण नहीं मिले, इसलिए उन्हें बरी किया जाता है। यह खबर भी पढ़ें:नेटफ्लिक्स-वॉर्नर डील पर शेखर कपूर ने उठाए सवाल, फिल्ममेकर बोले- एआई ने बदला खेल; आम लोगों पर ज्यादा असर नहीं सुनवाई में क्या-क्या हुआ यह केस शुरू से ही हाई-प्रोफाइल रहा। इस मामले में 200 से ज्यादा गवाह रहे। फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े नामों की गवाही इस केस में शामिल रही। इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की फॉरेंसिक जांच भी हुई। कई जांच करने वाली टीम और जांच अधिकारियों को भी बदला गया। जमानत रद्द करने की कोशिशें भी इस केस को लगातार सुर्खियों में रखती रहीं। जज हनी एम वर्गीज ने अपने आदेश में कहा कि प्रॉसिक्यूशन द्वारा पेश प्रमाण केवल मुख्य आरोपियों तक सीमित रहे और दिलीप की संलिप्तता साबित नहीं हो सकी। बाकी आरोपियों पर कौन-कौन से आरोप साबित हुए दोषी करार दिए गए 6 आरोपियों पर इन धाराओं के तहत अभियोग सिद्ध हुआ- आईपीसी120B- आपराधिक साजिश, आईपीसी342- अवैध बंधक, आईपीएसी354 और 354B- शील भंग और कपड़े उतारने की कोशिश, आईपीसी366- अपहरण, आईपीसी 376D- गैंगरेप, आईटी एक्ट67, 67A- अश्लील सामग्री बनाना और प्रसारित करना शामिल है। अब मामले में आगे क्या दिलीप ने फैसले के बाद राहत जताई है, वहीं पीड़िता पक्ष ने कहा है कि वे फैसले की कॉपी मिलने के बाद हाई कोर्ट में अपील करने पर विचार करेंगे। यह फैसला एक बार फिर चर्चा की वजह बना है- क्या सचमुच इंसाफ हुआ या अभी भी लड़ाई बाकी है इस सवाल का जवाब समय ही देगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 08, 2025, 08:44 IST
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