जेफरीज की रिपोर्ट: रुपये के लिए 2025 खराब, विदेशी निवेशकों ने बेचे 1.6 अरब डॉलर के शेयर

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार-चढ़ाव जारी है। आलम यह है कि रुपये का प्रदर्शन इस साल अब तक प्रमुख उभरते बाजारों (ईएम) की मुद्राओं के मुकाबले सबसे खराब रहा है। जेफरीज ने ग्रीड एंड फियर रिपोर्ट में कहा, डॉलर के मुकाबले रुपया इस साल अब तक 3.4 फीसदी टूटकर 88.7 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। रुपये के प्रदर्शन के लिहाज से 2025 सबसे खराब साल रहा है। अपने भारतीय विशेषज्ञों के हवाले से जेफरीज ने कहा, रुपये में गिरावट जारी रहेगी और यह 89 का स्तर छूने की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, लगातार गिरावट के बाद अब नीचे की ओर जोखिम कम हो गया है। आरबीआई रुपये की गिरावट को थामने के लिए अमेरिकी डॉलर की लगातार बिकवाली कर रहा है। अब भारत के पास 690 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो 11 महीनों के आयात के लिए पर्याप्त है। 27 सितंबर, 2024 को देश के पास रिकॉर्ड 704.8 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था। भारतीय शेयर बाजार पर रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इस साल अब तक रिकॉर्ड 16.2 अरब डॉलर की बिकवाली की है। इससे भारतीय बाजार के प्रदर्शन में एमएससीआई (मॉर्गन स्टैनली कैपिटल इंटरनेशनल) उभरते बाजार सूचकांक की तुलना में 27 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि, एफआईआई की पूंजी निकासी के मुकाबले घरेलू संस्थागत निवेशकों ने अधिक निवेश किया है, जिसे भारतीय बाजार को बड़ी गिरावट से बचाने में मदद मिली है। ये भी पढ़ें: US-India Trade Relief: खाद्य पदार्थों पर टैरिफ हटने से किसानों को राहत, निर्यात तीन अरब डॉलर बढ़ने की उम्मीद भारतीय बाजार रिवर्स एआई ट्रेड श्रेणी में रिपोर्ट में वैश्विक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) चक्र में भारत की स्थिति का जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक, भारत उभरते शेयर बाजारों में रिवर्स एआई ट्रेड की श्रेणी में आ गया है। यानी भारतीय शेयर बाजार के प्रदर्शन में गिरावट आ रही है और रुपया भी कमजोर हो रहा है। जेफरीज ने कहा, वैश्विक बाजार में अगर एआई ट्रेड अचानक कम हो जाता है, तो भारत बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। वहीं, ताइवान, कोरिया और चीन जैसे एआई-प्रधान बाजार दबाव में रहेंगे। ये तीनों देश वर्तमान में एमएससीआई उभरते बाजार सूचकांक में 61.8 फीसदी का योगदान देते हैं, जबकि भारतीय बाजार की हिस्सेदारी 15.3 फीसदी है। 20 साल के निचले स्तर पर रिपोर्ट के मुताबिक, देश का चालू खाता घाटा (कैड) 20 साल के निचले स्तर जीडीपी के 0.5 फीसदी पर आ गया है। भारत का व्यापक आर्थिक परिदृश्य भी मजबूत बना हुआ है। बैंकों के कर्ज देने की रफ्तार इस साल मई के 9 फीसदी की तुलना में बढ़कर अक्तूबर में 11.5 फीसदी पहुंच गई। ये भी पढ़ें: Innovation: 70 से अधिक देशों के प्रतिभागियों ने भविष्य की नीतियों पर मंथन किया, 1600+ कंपनियां भी हुईं शामिल इक्विटी म्यूचुअल फंड 42 अरब डॉलर का निवेश इक्विटी म्यूचुअल फंड में अक्तूबर, 2025 में 3.6 अरब डॉलर (321 अरब रुपये) और इस साल के पहले 10 महीनों में 42 अरब डॉलर (3.7 लाख करोड़ रुपये) का शुद्ध निवेश आया है। अन्य घरेलू माध्यमों को शामिल करें, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड में इस साल के पहले नौ महीनों में मासिक औसतन 7.4 अरब डॉलर का निवेश हुआ।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 17, 2025, 04:54 IST
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