जाट आंदोलन : 30 आरोपियों को अदालत ने किया बरी

फतेहाबाद। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सविता कुमारी की अदालत ने वर्ष 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान गांव जांडली कलां में स्टेट हाईवे जाम करने के 30 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है।वर्ष 2016 में जाट आरक्षण को लेकर पूरे प्रदेश में आंदोलन की चिंगारी भड़की थी। इसी कड़ी में फतेहाबाद के गांव जांडली कलां के ग्रामीणों ने 22 फरवरी 2016 को फतेहाबाद-चंडीगढ़ हाईवे जाम कर दिया था। इस मामले में भूना थाने की पुलिस ने तत्कालीन थाना प्रभारी रामसिंह की शिकायत पर 24 लोगों को नामजद किया था। इसके अलावा 20-25 अन्य के खिलाफ रास्ता अवरुद्ध करने, धारा 144 की उल्लंघन करने, षड्यंत्र रचने व पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज किया था। शिकायत में थाना प्रभारी रामसिंह ने बताया कि धारा 144 लागू होने के बावजूद उपरोक्त लोगों ने कीकर के पेड़ काटकर सड़क पर गिरा रखे थे और फतेहाबाद-चंडीगढ़ हाईवे को जाम कर रखा था। इस दौरान वह ड्यूटी मजिस्ट्रेट एवं भूना के बीडीपीओ रविंद्र कुमार के साथ मौके पर पहुंचे तो वहां पर लोग परेशान दिखाई दिए। जाम लगाकर खड़े लोगों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वह नहीं माने।पुलिस ने 34 लोगों को बनाया था आरोपीइस मामले में पुलिस ने समत सिंह, रामनिवास, काला, बोबली, मुन्ना, नरसिंह, कुलदीप सिंह, मन्नू, रिअक, पालेराम, संदीप, दया सिंह, धर्मबीर, रमेश, निशांत, नवीन, टीटू, खन्ना, रामदिया, सुरेश, राममेहर, सुरेश, रामकुमार, संदीप, राजेश, काला, सोनू, रजनीश, रमन, बलिंद्र, सतीश, मनजीत और एक नाबालिग को आरोपी बनाया था। पुलिस ने कोर्ट में 22 नवंबर 2019 को चार्जशीट पेश की थी। इस मामले में मुन्ना व रमेश की कोर्ट के ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी। वहीं, नाबालिग को कोर्ट ने पहले ही छोड़ दिया। एक आरोपी की पहचान नहीं कर पाई पुलिसकुल 34 आरोपियों में से पुलिस एक आरोपी सोनू की पहचान नहीं दिखा पाई और उसे कोर्ट में पेश नहीं कर पाई। मामले में सात सालों के दौरान 13 गवाहियां हुई और अभियोजन पक्ष अदालत में सही साक्ष्य पेश नहीं कर पाया। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस के बाद साक्ष्यों के अभाव में 30 आरोपियों को बरी कर दिया।कोटअदालत में 34 आरोपियों पर केस चल रहा था। अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में 30 आरोपियों को बरी कर दिया है, क्योंकि दो आरोपियों की कोर्ट ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी और एक नाबालिग था। इसके अलावा एक आरोपी की पहचान गलत पाई गई।-राजेंद्र जांडली, अधिवक्ता, बचाव पक्ष।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 04, 2023, 23:38 IST
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