US: भारतीय मूल के कृष्णा MLK ग्रैंड परेड स्पेशल अवार्ड से सम्मानित, गांधीवाद के प्रसार में है अहम भूमिका

भारतीय-अमेरिकी कृष्णा वविलाला को मार्टिन लूथर किंग ग्रैंड परेड विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कृष्णा वविलाला होउस्टोनियन और फाउंडेशन ऑफ इंडिया स्टडीज (एफआईएस) के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। उन्होंने इससे पहले भी कई बार एमएलके ग्रैंड परेड का नेतृत्व किया है। इस परेड़ का आयोजन मार्टिन लूथर किंग जूनियर के जन्मदिवस के मौके पर किया गया था। गौरतलब है कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर का जन्म 15 जनवरी, 1929 को अटलांटा, जॉर्जिया में हुआ था। उन्हें अमेरिका का गांधी भी कहा जाता है। इस संदर्भ में भारतीय-अमेरिकी कृष्णा वविलाला को मार्टिन लूथर किंग ग्रैंड परेड विशेष पुरस्कार के तहत एक ट्रॉफी और एक पट्टिका प्रदान की गई। ये पुरस्कार उन्हें एमएलके जूनियर परेड फाउंडेशन के अध्यक्ष और सीईओ चार्ल्स स्टैम्प ने रविवार को दिया। इस दौरान चार्ल्स ने महात्मा गांधी और एमएलके जूनियर दोनों के संदेश को फैलाने के लिए कृष्णा वविलाला के समर्पण की सराहना भी की। शांति और नस्लीय सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए काम करने वाले कृष्णा ने सम्मान ग्रहण करते हुए इस पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि जब मुझे इस सम्मान के बारे में बताया गया तो मुझे भरोसा ही नहीं हुआ। अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि इस देश में पांच दशकों से अधिक समय तक रहने के बाद मुझे प्रतीत हुआ कि हमारे दैनिक जीवन में अश्वेतों और भारतीय समुदायों के बीच बहुत कम सामाजिक संपर्क है। इसलिए, मैं इसके बारे में कुछ करना चाहता था। इस दौरान कृष्णा ने यह भी कहा कि मैं अमेरिका के उन बहुत कम लोगों में से एक हूं जिन्होंने गांधी को व्यक्तिगत रूप से देखा है। 1946 में अपने गृहनगर राजमुंदरी की यात्रा के दौरान महात्मा गांधी को मैने देखा था। उस समय मेरी उम्र नौ साल की थी। महात्मा गांधी को देखने के लिए मेरी दादी मुझे और मेरी दो बहनों को एक बैलगाड़ी पर ले गईं थीं। उन्होंने कहा कि एमएलके परेड में भाग लेने की प्रेरणा मुझे 2003-2004 में हरमन पार्क में गांधी प्रतिमा स्थापित करने के बाद मिली। हम सभी जानते हैं कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने अपने नागरिक अधिकारों के आंदोलन में महात्मा गांधी के अहिंसा के दर्शन को अपनाकर भारत और अमेरिका के बीच एक ऐतिहासिक कड़ी स्थापित की थी। यह मेरा विश्वास है कि सामाजिक न्याय और नस्लीय भेदभाव को खत्म करने के लिए भारतीय प्रवासियों को वार्षिक MLK परेड में भाग लेना चाहिए। गौरतलब है कि भारतीय अमेरिकी कृष्णा वविलाला बिट्स पिलानी के पूर्व छात्र रहे हैं। वे मूल रूप से आंध्र प्रदेश के हैं और अब ह्यूस्टन में बसे एक प्राकृतिक अमेरिकी नागरिक हैं। वविलाला ने ह्यूस्टन में गांधी के विचार को प्रासंगिक रखा है। इसके साथ ही हरमन पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा की स्थापना में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसके साथ ही वविलाला ने 2006 में ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में भारत अध्ययन कार्यक्रम की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने मई 2022 में टेक्सास दक्षिणी विश्वविद्यालय में भारत अध्ययन कार्यक्रम शुरू कराया था।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 17, 2023, 17:47 IST
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