अक्षय ऊर्जा: जुलाई-सितंबर में बिजली उत्पादन में 4 फीसदी की बढ़ोतरी, कुल क्षमता अब 500 गीगावॉट के पार
देश की ऊर्जा व्यवस्था में अक्षय स्रोतों का हिस्सा निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण व इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस के विश्लेषण के अनुसार जुलाई-सितंबर-2025 की तीसरी तिमाही में देश का कुल बिजली उत्पादन 3.6 फीसदी बढ़कर 48,407 करोड़ यूनिट हो गया। इसमें अकेले हाइड्रो, सौर और पवन ऊर्जा के मजबूत प्रदर्शन ने कोयला और परमाणु क्षेत्र में आई गिरावट को संतुलित कर दिया। इस अवधि में कुल स्थापित क्षमता 500.9 गीगावॉट तक पहुंच गई। इसमें से 51.1 फीसदी क्षमता अब गैर-जीवाश्म स्रोतों पर निर्भर है। अच्छे मानसून, जलविद्युत उत्पादन में मजबूती और सौर-पवन क्षमता के विस्तार ने बिजली उत्पादन में ऐतिहासिक उछाल दिया। तीसरी तिमाही में अक्षय ऊर्जा उत्पादन 18.6 फीसदी बढ़ा, जिसने जीवाश्म ईंधन आधारित उत्पादन में 1.6 फीसदी की कमी और परमाणु ऊर्जा में 18.6 फीसदी की गिरावट को कवर कर दिया। इसका मतलब ग्रिड में सस्ती अक्षय बिजली महंगे कोयला और परमाणु आधारित उत्पादन की जगह तेजी से ले रही है। जुलाई- सितंबर में क्षमता विस्तार के मामले में भारत ने अपने इतिहास का सर्वोच्च स्तर दर्ज किया। ये भी पढ़ें:-UIDAI: यूआईडीएआई ने दो करोड़ से अधिक मृत व्यक्तियों के आधार आईडी की बंद, परिवारों से समय पर सूचना देने की अपील सौर क्षेत्र का हिस्सा 69% कोयला आधारित क्षमता में 2,760 मेगावॉट वृद्धि हुई। नई वृद्धि में सौर का हिस्सा सबसे अधिक 69% रहा। डेवलपर्स ने जुलाई से लागू होने वाले अधिक इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन चार्ज से पहले प्रोजेक्ट पूरे किए, जिससे क्षमता में तेजी आई। जनवरी- सितंबर में 38,887 मेगावॉट नई क्षमता जोड़ी गई। 2024 की समान अवधि से 59.4% अधिक है। क्षमता विस्तार का केंद्र अक्षय ऊर्जा बन चुका है। जुलाई-सितंबर में अक्षय ऊर्जा में निवेश 523 करोड़ डॉलर रहा। पिछली तिमाही से दोगुना है। कुल निवेश 1,800 करोड़ डॉलर रहा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 27, 2025, 07:03 IST
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