अब तक का सबसे बड़ा श्रम सुधार: नई श्रम संहिताएं मजदूर हितों को देंगी नई दिशा, BMS ने बताया ऐतिहासिक कदम

विकसित भारत का सपना तभी सच हो सकता है, जब देश के मेहनती कामगारों को पूर्ण सम्मान मिले और उनकी सुरक्षा मजबूत हो। कामगारों और उद्योगों के बीच एक मजबूत और भरोसेमंद रिश्ता ही देश की अर्थव्यवस्था को टिकाऊ बनाता है और उसे रफ्तार देता है। लंबे समय से चली आ रही पुरानी व्यवस्थाओं की सीमाओं और विसंगतियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। सरकारी आंकड़े दर्शाते हैं कि विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार का अनुपात ऐतिहासिक रूप से अपेक्षा से कहीं कम रहा है, जिसके कारण भारत की उत्पादन क्षमता और औद्योगिक विस्तार की वास्तविक संभावनाएं पूरी तरह विकसित नहीं हो सकी हैं। ऐसे परिप्रेक्ष्य में पुराने श्रम कानूनों की जटिलताओं एवं भिन्न-भिन्न प्रावधानों को दूर करने के लिए व्यापक और संरचनात्मक सुधार समय की मांग बन चुके थे। एक उत्तरदायी श्रमिक संगठन के रूप में हमारा मानना है कि नई श्रम संहिताएं श्रमिक हितों को मजबूत करने, अधिक अवसर प्रदान करने और सुरक्षित-सम्मानजनक कार्य वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में दूरदर्शी कदम हैं। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) त्रिपक्षीय (उद्योग, सरकार और श्रमिक) वार्तालाप के महत्व पर बल देता है। ये भी पढ़ें:-Crude Oil: कच्चे तेल में भारी गिरावट की तैयारी! 2027 तक 30 डॉलर प्रति बैरल होने का अनुमान; रिपोर्ट में दावा

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 26, 2025, 06:31 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




अब तक का सबसे बड़ा श्रम सुधार: नई श्रम संहिताएं मजदूर हितों को देंगी नई दिशा, BMS ने बताया ऐतिहासिक कदम #BusinessDiary #National #SubahSamachar