Meerut News: ठंड में लकवे का वार, मेडिकल में एक माह में आए 550 से ज़्यादा बीमार

ठंड में लकवे का वार, मेडिकल में एक माह में आए 550 से ज़्यादा बीमार - सर्दी में रक्त का संचार सही से नहीं हो पाता, इससे दिमाग की नसें जाती हैं सिकुड़ -125 से ज़्यादा मरीज़ भर्ती करने पड़े, डॉक्टर दे रहे रक्तचाप नियंत्रित करने और ठंड से बचाव की सलाहमेरठ। एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में पिछले 20 दिसंबर 2022 से 20 जनवरी 2023 तक लकवा के 550 से ज़्यादा मरीज़ न्यूरोलॉजी (तंत्रिका विज्ञान) की ओपीडी में आए। इनमें से 125 को भर्ती करना पड़ा है। यह बीमारी गंभीर है और जान के खतरे के साथ जीवन भर की अपंगता भी इससे हो सकती है। मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ दीपिका सागर ने बताया कि करीब 70 प्रतिशत मरीजों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा, धूम्रपान व तंबाकू का सेवन, हृदय रोग, मानसिक तनाव, व्यायाम की कमी, महिलाओं में गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन आदि लकवे का कारण होते हैं, जबकि 30 फीसदी में लकवे का कोई निश्चित कारण नहीं होता है। उन्होंने बताया कि सर्दी में रक्त का संचार सही से नहीं हो पाता है। इससे दिमाग की नसें सिकुड़ जाती हैं और रक्त के संचार में बाधा बनने के कारण लकवे का खतरा बढ़ जाता है। रोजाना ओपीडी और इमरजेंसी में 30 से 35 मरीज आ रहे हैं। इन दोनों लोगों को ठंड से बचाव करना चाहिए। इसके अलावा रक्तचाप और शुगर को नियंत्रण में रखना चाहिए। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. वीके बिंद्रा ने बताया कि हृदय रोग की तरह लकवे के इलाज में भी समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। अगर मरीज की रक्त नलिका में थक्का जमने के कारण लकवा हुआ और उसे तीन से चार घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो रोगी को थक्का घोलने वाली दवा दी जाती है, जिससे मरीज ठीक हो सकता है। ज्यादातर मरीजों में लकवे का बढ़ना रुक जाता है। ====30 फीसदी रोगियों को एक माह पहले मिल जाते हैं संकेतकरीब 30 फीसदी रोगियों को अगले कुछ महीने में लकवे की आशंका का संकेत मिल जाता है। चिकित्सकों के मुताबिक, अगर आधे अंग में कमजोरी या सुन्नपन महसूस हो रहा है, थोड़ी देर के लिए नजर की रोशनी कम हो जाना, कुछ वक्त के लिए समझने में तकलीफ होना, चक्कर, सिरदर्द, धुंधला दिखना, उल्टी आना आदि लकवे के संकेत हैं। इन्हें नजरअंदाज न करें। ====इन बातों का भी रखें ध्यान- संतुलित आहार लें।- रोज 40-45 मिनट पैदल चलें।-नियमित व्यायाम करें।- तंबाकू, धूम्रपान न करें।- मानसिक तनाव कम लें।- बीपी, डायबिटीज हो तो नियंत्रण में रखें।- समय-समय पर चेकअप कराते रहें।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 25, 2023, 20:42 IST
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