Karnataka: विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षण पर घमासान, सीएम बोले- सभी समुदायों के साथ होगा न्याय, जानें पूरा मसला

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार आरक्षण के मुद्दे पर प्रतिद्धता के साथ काम कर रही है। बोम्मई का यह बयान तब आया है जब हाल ही में पंचमसालियों ने खुद को ओबीसी आरक्षण मैट्रिक्स की 2ए श्रेणी में शामिल करने की मांग के साथ विरोध प्रदर्शन किया है।पंचमसाली समुदाय, राज्य में लिंगायत जाति का एक प्रमुख उप-संप्रदाय है। बोम्मई ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जाति की राजनीति से फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। पंचमसाली समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण मैट्रिक्स की श्रेणी 2ए (15 फीसदी) में शामिल होना चाहता है। वे अभी 3बी (फीसदी) श्रेणी में आते हैं। हालांकि, कर्नाटक मंत्रिमंडल ने बीते साल 29 दिसंबर को वोक्कालिगाओं और लिंगायतों के लिए दो नई ओबीसी श्रेणी बनाने का फैसला किया था। मंत्रिमंडल ने कहा था कि उसने दस फीसदी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) आरक्षण के एक हिस्से का उपयोग करके उनकी आरक्षण मांग को पूरा करने की योजना बनाई है। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार, "ओबीसी सूची की श्रेणी 3ए के तहत आने वाले वोक्कालिगाओं को अब नई श्रेणी 2सी में रखा जाएगा, जबकि 3बी के तहत आने वाले वीरशैव-लिंगायत को श्रेणी 2 डी में रखा जाएगा। मौजूदा श्रेणी 3ए और 3बी को खत्म कर दिया जाएगा।" कैबिनेट के इस फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। कोर्ट ने इस मामले में यथास्थिति को बनाए रखने का आदेश दिया था। बोम्मई ने कहा, "सरकार आरक्षण के मुद्दे पर प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। पिछड़ावर्ग आयोग द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के एक हफ्ते के भीतर इसे कैबिनेट के समक्ष रखा गया था और इसे सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी गई थी। मांगों के आधार पर उन समुदायों को दो श्रेणी में शामिल करने और उनका आरक्षण बढ़ाने की घोषणा की गई थी।" पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का सही दिशा में यह पहला कदम है और यह उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, आरक्षण को बढ़ाने के लिए संविधान के तहत सुप्रीम कोर्ट के कुछ निर्देश और नियम हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग को आंकड़े एकत्र करने, रोजगार और शिक्षा के संबंध में स्थिति का विश्लेषण करने के बाद अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए। हमने अंतिम रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इसे जल्द ही प्रस्तुत किया जएगा। इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं और इसमें किसी को कोई संदेह करने की आवश्यकता नहीं है। कुदालसंगम पंचमसाली पीठ के संत बसवराज मृत्युंजय के नेतृत्व में पंचमसाली समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को धरना दिया था। लोगों ने हावेरी जिले में मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र शिगगांव में कित्तूर रानी चेन्नम्मा सर्कल में समुदाय को 2ए श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर धरना दिया था। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री बोम्मई और उनके पूर्ववर्ती बी.एस.येदियुरप्पा का पुतला फूंका था। बोम्मई ने कहा कि यह सरकार पर एक बड़ी जिम्मेदारी है। सभी समुदायों के साथ न्याय होना चाहिए और किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उनसे जब सवाल किया गया कि सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने पंचमसालियों की मांग को पूरा क्यों नहीं किया, तो उन्होंने कहा, "जब सिद्धारमैया मुख्यमंत्री थे और लिंगायत पंचमसाली महासाभा के प्रमुख विजयानंद कशप्पनवार कांग्रेस विधायक थे, कंथाराज की अध्यक्षता वाले पिछड़ा वर्ग आयोग ने 2016 में पंचमसालियों को श्रेणी 2ए में शामिल करने के उनके आवेदन को खारिज कर दिया था।" उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस जाति की राजनीति से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जब सरकार समुदाय के लिए आरक्षण बढ़ाने के लिए ईमानदार प्रयास कर रही है, तो अनावश्यक रूप से माहौल खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। पंचमसाली आंदोलन में सबसे आगे रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ विधायक बासनगौड़ा पाटिल यतनाल द्वारा कथित रूप से एक मंत्री दलाल कहने के सवाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, किसी के खिलाफ इस तरह के व्यक्तिगत हमले करना कर्नाटक की राजनीतिक संस्कृति नहीं है और यह दिखाता है कि यह कर्नाटक के विधायक की अपनी संस्कृति है। यह पूछे जाने पर कि क्या यतनाल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, उन्होंने कहा कि पार्टी सब कुछ देख रही है और सही फैसला करेगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 14, 2023, 21:44 IST
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