Lateral Entry: सरकार ने राज्यसभा में कहा- लेटरल एंट्री नियुक्तियों में लागू नहीं होता आरक्षण

लेटरल एंट्री नियुक्तियों को लेकर सरकार की ओर से अहम जानकारी साझा की गई है। सरकार ने बताया कि लेटरल एंट्री के माध्यम से की जाने वाली नियुक्तियों में आरक्षण लागू नहीं होता है। यह जानकारी गुरुवार को सरकार ने राज्यसभा में दी। सरकारी विभागों में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की नियुक्तियों को लेटरल एंट्री कहा जाता है। सरकार की ओर से दिए गए जवाब में कहा गया है कि अभी तक लेटरल एंट्री के जरिए 63 भर्तियां की गई हैं। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक लिखित उत्तर में बताया, 2018 से अब तक तीन चक्रों (2018, 2021 और 2023) में लेटरल एंट्री के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों में अनुबंध/प्रतिनियुक्ति के आधार पर संयुक्त सचिव/निदेशक/उप सचिव स्तर पर 63 नियुक्तियां की गई हैं। उन्होंने कहा कि ये नियुक्तियां विशिष्ट कार्यों के लिए संबंधित क्षेत्र में उनके विशिष्ट ज्ञान और विशेषज्ञता को ध्यान में रखते हुए की गई हैं। मंत्री ने कहा, चूंकि ये सभी नियुक्तियां एकल पद संवर्ग के अंतर्गत की गई हैं, इसलिए 'पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ बनाम फैकल्टी एसोसिएशन एवं अन्य' मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मद्देनजर आरक्षण लागू नहीं होता है और तदनुसार नियुक्त अधिकारियों का श्रेणीवार डेटा नहीं रखा गया है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान में, विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में 43 अधिकारी कार्यरत हैं। मंत्री पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार में लेटरल एंट्री के माध्यम से अधिकारियों की भर्ती का विवरण और क्या इस भर्ती में आरक्षण पैटर्न का पालन किया गया है जैसे सवालों का जवाब दे रहे थे। बता दें कि राजनीतिक विवाद के बाद, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पिछले साल अगस्त में सरकारी विभागों में लेटरल एंट्री के माध्यम से प्रमुख पदों को भरने के अपने विज्ञापन को रद्द कर दिया था।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 21, 2025, 14:03 IST
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