Google: गूगल और अमेरिकी सरकार के बीच छिड़ी जंग, एकाधिकार वाले विज्ञापन तकनीकों पर कड़ा एक्शन लेने की मांग

गूगल और अमेरिका की सरकार के बीच इंटरनेट विज्ञापन के भविष्य को लेकर बड़ा टकराव चल रहा है। शुक्रवार को गूगल को संघीय अदालत में पेश होना है, जहां सरकार उस पर कड़ा एक्शन लेने की मांग कर रही है। क्या है मामला मामला यह है कि गूगल ने अपने डिजिटल विज्ञापन कारोबार में ऐसी रणनीतियां अपनाई हैं, जिनसे उसने बाजार में बहुत बड़ा नियंत्रण हासिल कर रखा है। इसी वजह से अदालत ने गूगल की कुछ एड-टेक सेवाओं को 'गैरकानूनी एकाधिकार' कहा था। यह सुनवाई एलेक्जेंड्रिया (वर्जीनिया) की अदालत में हो रही है, जहां गूगल और अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) के वकील आखिरी दलीलें देंगे। दोनों पक्ष बताएंगे कि अरबों डिजिटल विज्ञापनों को दिखाने वाली इस तकनीक को कैसे चलाया जाता है और इसमें समस्या कहां है। गूगल की एड तकनीक पर अदालत के सवाल लंबी जांच के बाद अप्रैल में जज लियॉनी ब्रिंकेमा ने कहा था कि गूगल की कुछ विज्ञापन तकनीकें बाजार पर कब्जा जमाने के लिए डिजाइन की गई थीं। इसके बाद 11 दिन का एक और ट्रायल हुआ जिसमें तय करना था कि गूगल की इस गतिविधि का समाधान क्या निकाला जाए। शुक्रवार की बहस दोनों के लिए जज को अपनी बात मनवाने का आखिरी मौका होगी। फैसला अगले साल की शुरुआत में आ सकता है। सरकार की मांग: गूगल को छोटे हिस्सों में बांटा जाए अमेरिकी न्याय विभाग का आरोप है कि गूगल ने 20 साल में अपने एड-टेक कारोबार को इतना बड़ा बना लिया है कि अब उसे तोड़ना ही एकमात्र उपाय है। सरकार ने अदालत में गूगल को 'बार-बार गलत तरकीब अपनाने वाला वाला एकाधिकारवादी' कहा है। ये आरोप सिर्फ विज्ञापन तक ही नहीं, बल्कि गूगल के सर्च इंजन पर भी लागू होते हैं। हालांकि सर्च वाले मामले में जज ने गूगल को क्रोम ब्राउजर बेचने का आदेश देने से मना कर दिया था। गूगल को कुछ सुधारों के आदेश दिए गए। यही वजह है कि उस फैसले के बाद गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के शेयरों में जोरदार बढ़त हुई और उसका मार्केट वैल्यू 3.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया। गूगल का जवाब: सिस्टम तोड़नाइंटरनेट की स्थिरता के लिए खतरनाक गूगल का कहना है कि उसका एड-टेक सिस्टम हर सेकंड 5.5 करोड़ विज्ञापन अनुरोध संभालता है। इतने बड़े सिस्टम को तोड़ना इंटरनेट की स्थिरता के लिए खतरनाक हो सकता है। कंपनी का कहना है कि "यह तकनीक बिना रुकावट के चलती रहे यह उपभोक्ताओं के लिए बेहद जरूरी है" अमेरिकी न्याय विभाग का सुझाव कानूनी और तकनीकी रूप से काम करने लायक नहीं है। गूगल खुद भी सुधार करने को तैयार है, जिससे पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। एआई आने से बाजार में पहले ही बड़ा बदलाव आ चुका है, इसलिए जल्दबाजी में बड़ा फैसला लेना सही नहीं होगा। सरकार की चेतावनी: गूगल पर भरोसा करना जोखिम भरा सर्च केस में जज ने माना था कि एआई तकनीक गूगल के लिए नई प्रतिस्पर्धा ला सकती है। लेकिन इस विज्ञापन वाले मामले में अमेरिकी न्याय विभाग कहता है कि गूगल पर भरोसा करना जोखिम भरा है। सरकार का दावा है कि गूगल अपने एल्गोरिद्म में ऐसे बदलाव कर सकता है कि उसका पता भी न चले। इसलिए कंपनी को खुद सुधारने देने की जगह सख्त कदम उठाने जरूरी हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 21, 2025, 16:00 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Google: गूगल और अमेरिकी सरकार के बीच छिड़ी जंग, एकाधिकार वाले विज्ञापन तकनीकों पर कड़ा एक्शन लेने की मांग #TechDiary #National #Google #UsGovernment #InternetAdvertising #GoogleAdsTechnology #IllegalMonopoly #UsDepartmentOfJustice #DigitalAds #Internet #SubahSamachar