यहां रिपोर्ट दर्ज कराना मतलब लोहे के चने चबाना
यहां रिपोर्ट दर्ज कराना मतलब लोहे के चने चबानागाजियाबाद। पुलिस से संगीन अपराध की रिपोर्ट दर्ज कराना लोहे के चने चबाने जैसा मुश्किल काम हो गया है। लोगों को 15-15 दिन तक थाने और चौकियों के चक्कर कटवाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, कई को तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। हाल ही में ऐसे भी मामले आए हैं जब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की तो लोगों ने सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत जानकारी मांगी। इसके बाद केस दर्ज हुआ। हालांकि, दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामलों में रिपोर्ट दर्ज न करने या देरी करने पर पुलिसवालों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। इसके बाद भी ऐसी ही शिकायतें आ रही हैं।छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज न करने पर तीन जून को सिहानी गेट थाने के एसएसआई प्रभाकर सिंह और बस अड्डा चौकी के इंचार्ज नागेंद्र सिंह को निलंबित किया गया। पीड़िता ने जहर खा लिया था। इसी मामले में चार जून को एसएचओ सौरभ विक्रम सिंह को निलंबित किया गया। कवि नगर पुलिस ने 31 मई को अपहरण की तहरीर पर केस दर्ज नहीं किया गया। इसकी जगह बहला-फुसलाकर ले जाने की धारा लगाई। बाद में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म हो गया। इस पर एसएचओ आनंद प्रकाश मिश्रा और दो दरोगा निलंबित किए गए।अगर पुलिस न सुने1. लोग UPCOP पर रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। यह यूपी पुलिस का एप है। इसे डाउनलोड करना होगा। रिपोर्ट दर्ज होने पर एफआईआर की कॉपी भी निकाली जा सकती है।2. कोर्ट में धारा 156 (तीन) के तहत प्रार्थना पत्र दिया जा सकता है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस को एफआईआर दर्ज कर जांच करनी पड़ती है।22 मार्च की लूट का केस 22 जून को लिखासाहिबाबाद। शालीमार गार्डन निवासी रेलवे के इंजीनियर वेद प्रकाश से 22 मार्च को शिव चौक पर आईफोन लूटने के मामले में पुलिस ने तीन महीने बाद रिपोर्ट दर्ज की है। वह भी तब जबकि वेद प्रकाश ने 31 मई को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पुलिस से जानकारी मांगी। उन्होंने तत्कालीन चौकी इंचार्ज रवि बालियान को तहरीर दी थी। उनसे लूट शिव चौक पर हुई थी। एक महीने बाद लुटेरों ने उनसे लूटा मोबाइल चलाना शुरु कर दिया। उनके ई-मेल पर इसकी सूचना आई तो उन्हें पता चला। इसके बाद भी पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। उन्होंने बताया कि 22 जून को रिपोर्ट दर्ज की गई है। ताज्जुब की बात यह है कि जब इस बारे में शालीमार गार्डन चौकी के इंचार्ज रहे रवि बालियान से पूछा गया तो बोले कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। एसपी सिटी सेकेंड ज्ञानेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज में देरी की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jun 24, 2022, 00:54 IST
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