US: व्हाइट हाउस में सऊदी क्राउन प्रिंस से खशोगी की हत्या पर हुए सवाल, बचाव में बोले ट्रंप- उन्हें कुछ नहीं पता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सात साल बाद व्हाइट हाउस पहुंचे सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का गर्मजोशी से स्वागत किया। 2018 में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद यह उनकी पहली आधिकारिक यात्रा है। ऐसे मेंपत्रकार जमाल खशोगी की हत्या पर उठे सवाल एक बार फिर चर्चा में आ गए। अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों में क्राउन प्रिंस की भूमिका का संकेत मिलने के बावजूद ट्रंप ने उसे सिरे से खारिज कर दिया और कहा किजो हुआ, एक गलती थी। इसके साथ ही ट्रंप ने आगे प्रिंस का बचाव करते हुएकहा कि चाहे आप उन्हें पसंद करें या न करें, घटनाएं हो गईं, लेकिन क्राउन प्रिंस को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। बस इसे यहीं छोड़ दें। हमारे मेहमान को शर्मिंदा करने वाले सवाल पूछने की जरूरत नहीं है। अमेरिका-सऊदी के बीच अरबों डॉलर की साझेदारी इस बीच दोनों देशों ने अरबों डॉलर के निवेश, रक्षा सौदों और मध्य पूर्व में नई रणनीतिक साझेदारी को लेकर बड़े एलान किए। दूसरी तरफ खशोगी को लेकर उठे सवाल परप्रिंस मोहम्मद ने भी कहा कि सऊदी अरब ने खशोगी की मौत की जांच के लिए सभी सही कदम उठाएऔर इसे दर्दनाक और बड़ी गलतीबताया। क्या है जमाल खशोगी हत्या मामला, समझिए बता दें किसऊदी पत्रकार जमाल खशोगी 2018 में तुर्कियके इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में गए और वहीं उनकी हत्या कर दी गई। खशोगी सऊदी शासन के कड़े आलोचक थे और वॉशिंगटन पोस्ट में लिखते थे। तुर्कियऔर अमेरिकी जांच में सामने आया कि सऊदी एजेंटों की एक टीम ने दूतावास के अंदर ही उनकी हत्या कर शव को ठिकाने लगा दिया। मामले मेंअमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने बाद में अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह ऑपरेशन क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की मंजूरी से हुआ होगा। सऊदी अरब ने आरोपों से इनकार किया, लेकिन दुनिया भर में इस घटना को लेकर भारी विवाद और निंदा हुई। ये भी पढ़ें:-मेटा में बड़ा बदलाव: चीफ रेवेन्यू ऑफिसर जॉन हेगमैन ने दिया इस्तीफा, खुद की स्टार्टअप कंपनी करेंगे शुरू निवेश, रक्षा सौदे और कूटनीतिक बातचीत बैठक मेंक्राउन प्रिंस ने घोषणा की कि सऊदी अरब अमेरिका में अपना निवेश बढ़ाकर एक ट्रिलियन डॉलर कर देगा। ट्रंप ने भी घोषणा की कि अमेरिका सऊदी अरब को F-35 लड़ाकू विमान बेचेगा, जबकि कुछ अधिकारियों को चिंता है कि इससे चीन को तकनीक तक पहुंच मिल सकती है। साथ हीदोनों देशों ने एक बड़े निवेश सम्मेलन की भी योजना बनाई है, जिसमें सेल्सफोर्स, फाइजर, क्वालकॉम और अरामको जैसी कंपनियों के प्रमुख शामिल होंगे। इस्राइल–सऊदी रिश्तों पर जोर बता दें किट्रंप सऊदी अरब को अब्राहम समझौते में शामिल करना चाहते हैं, लेकिन सऊदी अरब का कहना है कि पहले फलस्तीन के लिए दो-राष्ट्र समाधानका स्पष्ट रास्ता चाहिए। हालांकिइस्राइलइस मांग का विरोध करता है। मामले में प्रिंस ने कहा कि हम समझौते का हिस्सा बनना चाहते हैं, लेकिन दो-राष्ट्र समाधान का स्पष्ट मार्ग जरूरी है। साथ ही सऊदी अरब अमेरिकी सैन्य सुरक्षा को लेकर औपचारिक लिखित आश्वासन चाहता है। दोनों देश AI निवेश, नागरिक परमाणु ऊर्जा और नई तकनीकी साझेदारी पर भी काम कर रहे हैं। ये भी पढ़ें:-Epstein E-mails Row: अमेरिका के पूर्व वित्त मंत्री का इस्तीफा, कहा- मुझे अपने किए पर शर्म आती है; ट्रंप ने मानवाधिकार समूहों की आलोचना इसके साथ ही 11 मानवाधिकार संगठनों ने ट्रंप प्रशासन से अपील की कि वह सऊदी अरब पर मानवाधिकार सुधारों का दबाव बनाए। उनका कहना है कि सऊदी सरकार आलोचकों, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेती है और फांसियों की संख्या बढ़ी है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि परिवर्तन की मांग की जानी चाहिए, केवल फोटो खिंचवाना काफी नहीं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 19, 2025, 06:27 IST
US: व्हाइट हाउस में सऊदी क्राउन प्रिंस से खशोगी की हत्या पर हुए सवाल, बचाव में बोले ट्रंप- उन्हें कुछ नहीं पता #World #National #DonaldTrump #PrinceMohammedBinSalman #Us-saudiArabiaRelations #JamalKhashoggiMurderCase #UsAgencies #WhiteHouse #SubahSamachar
