Baghpat News: ठाकुरद्वारा मोहल्ला पहुंचे डीएम, स्थिति देख अफसरों पर भड़के

बागपत। ठाकुरद्वारा मोहल्ले में जमीन धंसने से जिन मकानों में दरारें आई हैं, उनको देखने के लिए शुक्रवार को डीएम राजकमल यादव पहुंच गए। डीएम ने मकान मालिकों से बातचीत की। लोनिवि और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों से जांच कराई। वहां स्थिति को देखकर डीएम भड़क गए। उन्होंने नगर पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थिति के लिए जिम्मेदार बताते हुए फटकार लगाई। डीएम ने ठाकुरद्वारा मोहल्ले में चेयरमैन पवन गुप्ता वाली गली व उसके पास ही दूसरी गली में राधेश्याम शर्मा, सुशीला देवी, राजीव गुप्ता समेत कई के मकान में जाकर स्थिति को देखा। लोगों ने उनको बताया कि गैस पाइप लाइन बिछाने के लिए गलियां उखाड़ दी गई थीं और तभी पेयजल लाइन से पानी का रिसाव होने लगा था। इसके अलावा गैस पाइप लाइन से कनेक्शन के लिए नाली के बीच में पाइप निकाल दिए गए थे। जिससे उनके किनारे से भी पानी का जमीन में रिसाव होता है। यह भी आरोप लगाया कि उन गलियों व पेयजल लाइन को नगर पालिका के अधिकारियों से कई बार शिकायत के बावजूद ठीक नहीं कराया तो लोगों ने अपने खर्च से गलियों को ठीक कराया था। यह सुनकर डीएम राजकमल यादव भड़क गए और उन्होंने नगर पालिका के ईओ राजेश राणा व पेयजल लाइन की जिम्मेदारी संभाल रहे सुपरवाइजर को बुलाया। वहां उनसे पेयजल लाइन व पानी के कनेक्शन को लेकर जानकारी मांगी और वहां कार्य नहीं कराने पर उनको खूब फटकार लगाई। इसके साथ ही गलियां व पेयजल लाइन ठीक करने के लिए गैस कंपनी से मिले 1.28 करोड़ रुपये के खर्च के मामले में जांच शुरू करा दी गई। --अफसरों और ठेकेदारों पर कार्रवाई होगी, ब्लैक लिस्ट कर मुकदमा होगाडीएम ने बताया कि लोनिवि के एक्सईएन अतुल कुमार, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के एक्सईएन हबीबुल्ला, तहसीलदार प्रसून कश्यप की टीम बनाई है। यह टीम जांच करेगी कि गैस कंपनी से नगर पालिका को मिले एक करोड़ 94 लाख रुपये किस-किस जगह पर खर्च किए गए है। उस एक-एक जगह को देखा जाएगा, जहां पैसा खर्च करने की बात फाइल में लिखी होगी। इसके साथ ही वहां के लोगों से बातचीत की जाएगी कि गली उखाड़ने के बाद उन्होंने तो नहीं बनवाई है। क्योंकि कई जगह इस तरह की बात सामने आई है कि गलियां लोगों ने खुद ठीक कराई है। अगर वहां के नाम पर भी पैसा निकला है तो अधिकारी, इंजीनियर और ठेकेदार पर कार्रवाई होगी। ब्लैक लिस्ट करके मुकदमा तक कराया जाएगा।फाइल तलाशने के दौरान तैनात की गई पुलिसडीएम ने जब फाइलें जब्त करने के निर्देश दिए तो लोनिवी एक्सइएन और तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी फाइल लेने के लिए नगरपालिका कार्यालय पहुंचे। जहां काफी देर तक फाइलें नहीं मिलीं, तो कहा जाने लगा कि फाइलें गायब हैं। इसलिए वहां पर पुलिस तैनात कर दी गई। जिससे न कोई कर्मचारी बाहर जा सके न कोई अंदर आ सके। करीब तीन घंटे की तलाश के बाद मामले से जुड़ी हुईं कई फाइलें मिल गई हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 14, 2023, 00:38 IST
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