Delhi : साइलेंट जोन में धड़ल्ले से दौड़ रही हैं गाड़ियां, अस्पताल और अदालतों के बाहर भी जाम; प्रशासन नींद में

जरा सोचिए, जहां लोग पढ़ाई, इलाज और न्याय की उम्मीद लेकर पहुंचते हैं, अगर वहां का माहौल तनावपूर्ण और शोरगुल से भरा हो, तो क्या हाल होगा दिल्ली के साइलेंट जोन घोषित इलाके स्कूल, अस्पताल और कोर्ट परिसरों की यही हकीकत है। जहां साइलेंट जोन में धड़ल्ले से गाड़ियां दौड़ रही हैं। बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित डॉ. आरएमएल अस्पताल, दिल्ली गेट के पास लोकनायक और जीबी पंत सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों के बाहर तेज हॉर्न, ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ आम नजारा बन चुका है। कोर्ट परिसरों के बाहर भी लगातार शोरगुल देखा जा सकता है, जो न्यायिक प्रक्रिया की गंभीरता को प्रभावित करता है। आरएमएल अस्पताल के इमरजेंसी गेट के बाहर ऑटो चालकों का अवैध कब्जा न केवल आपातकालीन सेवाओं में बाधा बनता है, बल्कि मरीजों और उनके परिजनों की परेशानी भी बढ़ाता है। ट्रैफिक संकेतों और साइलेंट जोन के नियमों की अनदेखी अब सामान्य बात हो गई है। यह स्थिति साफ दर्शाती है कि इन क्षेत्रों में कानून का पालन गंभीर संकट में है। नतीजतन, आम नागरिकों का स्वास्थ्य, सुविधा और संवैधानिक अधिकार सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। साइलेंट जोन में हॉर्न बजाने पर एक हजार रुपये का जुर्माना है। इस दौरान विशेष ट्रैफिक पुलिस आयुक्त अजय चौधरी ने बताया कि साइलेंट जोन में हॉर्न न बजाएं के चिन्ह लगाए जाते हैं। साथ ही, लोगों को इस नियम के प्रति जागरूक भी किया जाता है। दिल्ली गेट के पास ट्रैफिक जाम बना लोगों के लिए मुसीबत राजधानी दिल्ली में साइलेंट जोन की व्यवस्था भले ही नागरिकों की सहूलियत के लिए बनाई गई हो, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। खासकर दिल्ली गेट के पास स्थित लोकनायक और जीबी पंत सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों के बाहर का हाल तो और भी चिंताजनक है। यहां सुबह से लेकर शाम तक ट्रैफिक जाम की समस्या आम है। एंबुलेंस से लेकर स्कूल बस तक, हर वाहन को घंटों फंसे रहना पड़ता है। इस जाम में सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को उठानी पड़ती है, जिन्हें इलाज या जरूरी कार्य से अस्पताल आना होता है। तेज हॉर्न और धुएं से भरे इस माहौल में मरीजों की हालत और बिगड़ जाती है। जगह-जगह लगे ट्रैफिक संकेत और साइलेंट जोन के बोर्ड भी इस अराजकता को रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। अस्पतालों के बाहर अनधिकृत पार्किंग और ऑटो चालकों का कब्जा भी इस भीड़ को और बढ़ाता है। राजधानी की अदालतों के बाहर जाम बना चुनौती राजधानी की तीस हजारी और कड़कड़डूमा कोर्ट के बाहर आए दिन लगने वाला जाम न सिर्फ आम जनता बल्कि वकीलों और कोर्ट कर्मचारियों के लिए भी बड़ी परेशानी का सबब बन गया है। अदालत परिसर के आसपास अव्यवस्थित पार्किंग, ऑटो व निजी वाहनों की भरमार और ट्रैफिक कंट्रोल की कमजोर व्यवस्था के कारण यहां घंटों तक जाम लगा रहता है। सुबह से दोपहर तक कोर्ट आने-जाने वालों की भारी भीड़ होती है, जिसमें बुजुर्ग, महिलाएं और केस से जुड़े लोग शामिल होते हैं, जिन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कोर्ट परिसर साइलेंट जोन में आता है, लेकिन शोरगुल और वाहन हॉर्न की गूंज यहां की गंभीरता को प्रभावित करती है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 24, 2025, 04:03 IST
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