CRPF: शहीद कार्मिकों की एकमुश्त सहायता राशि में पांच लाख की वृद्धि, अब मिलेंगे 35 लाख, अन्य मामलों में 25 लाख

देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीआरपीएफ' ने अपने शहीद कार्मिकों की एकमुश्त सहायता राशि में बढ़ोतरी कर दी है। जोखिम निधि अंशदान राशि में भी वृद्धि की गई है। सेविंग व रिस्क फैक्टर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, 60:40 के अनुपात में संशोधित किया गया है।सीआरपीएफ में शहीद कार्मिकों के परिवारों को मिलने वाली एकमुश्त सहायता राशि, जो पहले 30 लाख रुपये थी, अब उसे 35 लाख रुपये कर दिया गया है। वहीं मृत्यु के अन्य मामलों में यह राशि 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है। पिछले दिनों हुई रेजीमैंटल फंड की वर्ष 2024-25 की शासी निकाय की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। ये सभी निर्णय एक जनवरी 2026 से लागू होंगे। मुठभेड़ के दौरान शहीद कार्मिकों को जोखिम निधि से एकमुश्त सहायता राशि, जो अभी तक 30 लाख रुपये थी, उसे बढ़ाकर अब 35 लाख रुपये कर दिया गया है। अन्य सभी मृत्यु के मामलों में यह राशि 20 लाख रुपये थी, जिसमें अब वृद्धि कर 25 लाख रुपये किया गया है। शासी निकाय ने सर्वसम्मति से उक्त वृद्धि को अपनी स्वीकृति प्रदान की है। इस निर्णय के बाद, मुठभेड़ के दौरान शहीद कार्मिकों के परिवार को जोखिम निधि से 35 लाख रुपये तथा सभी मृत्यु के मामलों में 25 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। पूर्व में केंद्रीय कल्याण निधि से दी जा रही पांच लाख रुपये की सहायता राशि भी यथावत रहेगी। बता दें कि इससे पहले सीआरपीएफ ने शहीद होने वाले जवानों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि में 2022 के दौरान बढ़ोतरी की थी। बल के तत्कालीन डीजी कुलदीप सिंह ने यह घोषणा की थी कि ड्यूटी पर शहीद होने वाले सीआरपीएफ के जवानों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया गया है। यह राशि, जोखिम कोष से दी जाएगी। इसके साथ ही मृत्यु के अन्य मामलों में अनुग्रह राशि को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया था। जोखिम निधि अंशदान राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 800 सौ प्रतिमाह किया गया है। इसके साथ ही सेविंग व रिस्क फैक्टर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, 60:40 के अनुपात में संशोधित किया जाता है। संशोधन के बाद प्रत्येक कार्मिक द्वारा प्रति माह 800 रुपये, अंशदान में से 480 रुपये सेविंग तथा 320 रुपये रिस्क फैक्टर के रूप में जमा किया जाएगा। इनके अलावा सेवानिवृत्त/सेवा छोड़ने से जुड़े मामलों में बोनस की राशि में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। ऐसे मामले में अगर सेवा की अवधि 30 साल से ज्यादा है तो संशोधित बोनस दर 100 प्रतिशत होगी। सेवा की अवधि 20 से 30 साल तक है तो संशोधित बोनस दर 50 प्रतिशत रहेगी। सेवा की अवधि 10 से 20 साल तक है तो संशोधित बोनस दर 25 प्रतिशत रहेगी। यदि सेवा की अवधि 10 साल से कम है तो संशोधित बोनस दर 10 प्रतिशत रहेगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 08, 2025, 15:41 IST
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