कफ सिरप: नशीली दवाओं की तस्करी में लिप्त अपराधियों के रिकॉर्ड भी खंगाल रही, ग्वालियर से कोडीन का मांगा ब्योरा

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स (सीबीएन) ने प्रदेश में नशीले कफ सिरप के साथ नशे में इस्तेमाल होने वाली अन्य दवाओं के कारोबार की जड़ें तलाशनी शुरू कर दी हैं। सीबीएन के लखनऊ कार्यालय ने ग्वालियर स्थित कार्यालय से फार्मा कंपनियों को आवंटित होने वाले कोडीन का ब्योरा मांगा है। वहीं दूसरी ओर उन दवा व्यापारियों और अपराधियों के रिकॉर्ड भी खंगाल रही है, जिनके खिलाफ बीते कुछ वर्षों के दौरान नशीली दवाओं की खेप बरामद की गई थी। सीबीएन के अधिकारियों की माने तो नशीले कफ सिरप सिंडिकेट की जड़ें काफी गहरी हैं। प्रदेश में दवा के थोक मार्केट में इनकी बिक्री धड़ल्ले से होती है। बीते जुलाई माह में सीबीएन ने अमीनाबाद में छापा मारकर नशे में इस्तेमाल होने वाली 20 लाख टेबलेट और कोडीनयुक्त कफ सिरप की 5700 बोतलें बरामद की थीं। इसमें 18,47,850 टेबलेट अल्प्राजोलाम, 2,19,778 टेबलेट ट्रेमाडॉल और 1770 टेबलेट क्लोनाजेपाम की थीं। एफएसडीए की जांच में 12 चेहरे हुए उजागर वहीं दूसरी ओर एफएसडीए की जांच में सिंडिकेट में शामिल 12 नाम सामने आए हैं। इनमें सहारनपुर का विभोर राणा, विशाल राणा, विशाल उपाध्याय, गाजियाबाद का सौरभ त्यागी, शादाब, अभिषेक शर्मा, पप्पन यादव, वाराणसी का भोला जायसवाल, शुभम जायसवाल, आकाश पाठक, लखनऊ का मनोहर जायसवाल और कानपुर का विनोद अग्रवाल शामिल है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 10, 2025, 19:48 IST
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