Jammu-Kashmir: पाकिस्तान में रची गई J K में चुंबकीय बम गिराने की साजिश, आतंकियों की मदद करती थी यह 'टोली'

पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय दहशतगर्दों को हथियार एवं गोला बारूद, जिसमें यूबीजीएल राउंड (अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर) और चुंबकीय बम भी शामिल हैं, पहुंचाने के लिए स्थानीय स्तर पर एक टोली खड़ी कर रखी थी। जम्मू क्षेत्र में इस टोली का सरगना पाकिस्तानी हैंडलर सज्जाद गुल था। सीमा पार से आने वाने ड्रोन (हेक्साकॉप्टर) के जरिए कब और कहां पर हथियार व गोला बारूद गिराया जाएगा, वही ये सब तय करता था। अगर यह टोली ड्रोन को सफलतापूर्वक हासिल कर लेती थी तो उसके बाद हथियार और गोला बारूद को कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकियों तक पहुंचाया जाता था। एनआईए ने गुरुवार को इस मामले में जम्मू स्थित विशेष अदालत के समक्ष छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यूबीजीएल के राउंड और चुंबकीय बम बता दें कि गत वर्ष जम्मू के कठुआ इलाके में ड्रोन (हेक्साकॉप्टर) के माध्यम से हथियार, जिनमें यूबीजीएल के राउंड और चुंबकीय बम शामिल थे, गिराए गए थे। यह ड्रोन सीमा पार से आया था। हालांकि इससे पहले यह गोला बारूद, दहशतगर्दों के हाथों में पहुंचता, पुलिस ने उसे बरामद कर लिया था। इस संबंध में पुलिस स्टेशन, राजबाग जिला कठुआ में मामला दर्ज किया गया था। चूंकि ये आतंकियों से जुड़ा मामला था, इसलिए केस की जांच एनआईए को सौंप दी गई। एनआईए ने 30 जुलाई को फिर से मामला दर्ज कर केस की जांच पड़ताल शुरु की थी। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 121ए, 122, यूएपीए के सेक्शन 16, 17, 18, 18बी, 20, 23, 38, 39 व 40 और आर्म्स एक्ट की धारा 25(1)(ए) और 25(1एए) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4 और 5 के मामला दर्ज किया गया था। टोली का सरगना थापाकिस्तानी हैंडलर सज्जाद गुल एनआईए की जांच में सामने आया है कि आरोपी, पाकिस्तानी हैंडलर सज्जाद गुल के निर्देश पर, इस तरह की घातक सामग्री जम्मू क्षेत्र में पहुंचती थी। वहां से इसे कश्मीर घाटी में मौजूद आतंकियों तक पहुंचाया जाता था। इसके लिए आरोपी सज्जाद लोन ने एक टोली बना रखी थी। ड्रोन से कब और कहां पर, हथियार गिराए जाएंगे, उन्हें कौन रिसीव करेगा और उसके बाद उन्हें टारगेट तक पहुंचाने की जिम्मेदारी कौन पूरी करेगा, यह सब गुल ही तय करता था। एनआईए ने इस केस की जांच भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश के तहत शुरु की थी। ड्रोन के जरिए गिराए जाने वाले हथियारों में चुंबकीय बम भी थे। गत वर्ष जब अमरनाथ यात्रा शुरु हुई तो सुरक्षा बलों ने इस तरह के बमों को लेकर सचेत किया था। आतंकियों या उनके ओवर ग्राउंड वर्करों का मकसद, ऐसे बमों को किसी भी वाहन के नीचे या साइड में चिपकाना था। कुछ समय बाद वह बम फट जाता था। जम्मू-कश्मीर के इलाकों में रहती थी टोली एनआईए की चार्जशीट में फैजल मुनीर, निवासी तालाब खटीकान, पुलिस स्टेशन पीर मीठा जम्मू, हबीब निवासी हरि-ए-चक, तहसील मरहीन, जिला कठुआ, मियां सोहेल निवासी चैनपुर, राजबाग जिला कठुआ, मुनि मोहम्मद (मृतक) निवासी रामपुर हरि-एक चक तहसील मरहीन जिला कठुआ, राशिद निवासी हरियाचक, थाना राजबाग तहसील महरीन, जिला कठुआ और सज्जाद गुल उर्फ शेख सज्जाद उर्फ शेख सज्जाद गुल उर्फ सज्जाद अहमद शेख उर्फ हमजा उर्फ अल्बर्ट उर्फ रेमंड ग्रीन उर्फ डोनाल्ड ग्रीन उर्फ भाईजान, निवासी अंसारी लेन नंबर 2, रोज एवेन्यू कॉलोनी एचएमटी, शाल्टेंग, श्रीनगर शामिल हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 13, 2023, 15:55 IST
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