Karnataka: सीमा को लेकर बढ़ते विवाद के बीच बोम्मई आज पहुंच रहे दिल्ली, मंत्रिमंडल विस्तार पर भी होगी बात

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद के बीचकर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई आज दिल्ली पहुंच रहे हैं। दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि वे आज गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। बेलगावी में मीडिया से चर्चा में बोम्मई ने कहा कि दिल्ली यात्रा के दौरान वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार व आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी पर बात करेंगे। I'm going to Delhi today to meet our party President, Amit Shah ji and other leaders to discuss Cabinet expansion and preparation for Assembly elections: Karnataka CM Basavaraj Bommai at Belagavi pic.twitter.com/U17qS7YmYJ — ANI (@ANI) December 26, 2022 महाराष्ट्र के साथ कर्नाटक के जारी सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों में तनातनी जारी है। कर्नाटक विधानसभा में इसे लेकर प्रस्ताव पारित होने के बाद महाराष्ट्र विधानसभा में ऐसा ही प्रस्ताव पारित करने की मांग हो रही है। इसे लेकर आज पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने नई मांग कर दी। ठाकरे ने नागपुर में महाराष्ट्र विधान परिषद की बैठक में सुप्रीम कोर्ट से विवाद हल होने तक 'कर्नाटक के कब्जे वाले महाराष्ट्र' को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग की।गृह मंत्री शाह ने विवाद के हल के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई है। # 78 व्यक्तिगत जमा खाते जिनमें अव्ययित शेष राशि जमा हैंउन्हेंबंद नहीं किया गया: कैग महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि कर्नाटक सरकार ने पिछले वित्त वर्ष के अंत तक 4,105.61 करोड़ रुपये की अव्ययित शेष राशि वाले 78 व्यक्तिगत जमा (पीडी) खातों को बंद नहीं किया, जैसा कि कर्नाटक वित्तीय संहिता के तहत अनिवार्य है। सरकार के वित्तीय खातों की अपनी लेखापरीक्षा में कैग ने कहा कि इस तरह की प्रथाएं न केवल विधायी मंशा का उल्लंघन करती हैं बल्कि इससे सार्वजनिक धन के दुरुपयोग की होने की आशंका रहती है। रिपोर्ट में कहा गया है, "31 मार्च, 2022 के अंत में 4,105.61 करोड़ रुपये के अव्ययित शेष के साथ 78 पीडी खाते थे, जिन्हें कर्नाटक वित्तीय संहिता के अनुच्छेद 286ए के तहत आवश्यक रूप से बंद नहीं किया गया था। इस तरह के अभ्यास विधायी प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं, जो यह सुनिश्चित करने के लिए है कि धन संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए राज्य सरकार की ओर से अनुमोदित वर्ष के दौरान ही खर्च किए जाते हैं।" कैग ने आगे कहा, "इसके अलावा, वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले पीडी खातों में पड़े अव्ययित शेष को राज्य के समेकित कोष में स्थानांतरित नहीं करने से सार्वजनिक धन के दुरुपयोग, धोखाधड़ी और हेराफेरी का जोखिम होता है।"

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 26, 2022, 13:10 IST
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