Raipur: बीजेपी बोली- 'नहीं हुआ बिजली बिल हाफ, जनता की जेब साफ', कांग्रेस का जवाब- 'केंद्र की वजह से बढ़ोतरी'

छत्तीसगढ़ में बिजली बिल को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। मामले में पक्ष और विपक्ष जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप का बाजार गर्म है।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने वीसीए चार्ज के नाम पर लगातार बिजली दरों में वृद्धि होने पर सरकार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि बिजली बिल हाफ करने का वादा कर सत्ता में आई भूपेश बघेल सरकार लगातार बिजली का बिल बढ़ाकर जनता के साथ अन्याय और अत्याचार कर रही है। महंगाई के नाम पर छाती पीटने वाले लोग लगातार बिजली का बिल बढ़ाकर जनता के साथ अन्याय कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ बिजली के मामले में सम्पन्न है, वहां पर भी बिजली दर वृद्धि कर जनता के साथ अत्याचार और अन्याय किया जा रहा है। जनता की जेब पर डाका : साव साव ने कहा कि इसके पहले भी बिजली खरीदी का खर्च बढ़ने का हवाला देकर प्रति यूनिट दर बढ़ाई गई। अब फिर वृद्धि की गई है। यह सरकार हर महीने जनता की जेब पर डाका डाल रही है। बिजली बिल हाफ तो एक छलावा है, बिजली के दाम बढ़ाना और आम जनता को लूटना इस सरकार की असल नीति है। इसके पहले सुरक्षा निधि के बहाने जनता को लूटा गया। लूट का मौका नहीं छोड़ना चाहती कांग्रेस: केदार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ बिजली के मामले में सर प्लस राज्य होने के बावजूद बिजली खरीदी का खर्च बढ़ने के नाम पर लगातार जिस तरीके से बिजली के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। अब जनता से प्रति यूनिट 1.10 रुपये अतिरिक्त वसूले जाएंगे। यह कांग्रेसी सरकार की लूट खसोट संस्कृति का प्रमाण है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। वहीं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा किछत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार लगातार जनता से लूट का एक भी मौका नहीं छोड़ना चाहती है। बिजली बिल में कुछ दिन पहले सुरक्षा निधि के नाम से जनता को लूटा गया, अब फिर बिजली दरों में बढ़ोतरी कर जनता कि जेब पर डाका डाल रहे हैं। केंद्र की वजह से बढ़ी कीमत: सुशील दूसरी ओर कांग्रेस ने मामले में पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की वजह से कोयले की कीमत बढ़ने से वीसीए चार्ज में बढ़ोतरी हुई है।छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से अधिसूचित बहुवर्षीय टैरिफ सिद्धांतों के अनुरूप विनियम 2021 की कंडिका-93 में निहित प्रावधानों के अनुपालन में वर्ष 2022-23 के तृतीय द्वैमासिक अवधि यानी अगस्त और सितम्बर-2022 के दौरान वेरियेबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट का निर्धारण किया गया है। इस वृद्धि के कारण दिसम्बर - 2022 एवं जनवरी 2023 के दौरान लागू वेरियेबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट (वीसीए चार्ज) में 49 पैसे की वृद्धि हो रही है। पूर्व में यह दर 61 पैसे प्रति यूनिट थी, जो अब बढ़कर 1.10 रूपए प्रति यूनिट हो गई है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 29, 2022, 18:46 IST
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