सशक्त समाज का निर्माण शिक्षा, संस्कृति और संस्कार से ही संभव : डॉ. मुक्ता

ऊना। प्रख्यात शिक्षाविद् एवं समाजसेवी डॉ. मुक्ता ठाकुर ने कहा कि सशक्त समाज का निर्माण केवल शिक्षा, संस्कृति और संस्कार के समन्वय से ही संभव है। उन्होंने भागवद्गीता, वेद और पुराणों के नीति वाक्यों और कथाओं को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हुए बताया कि ये जीवन के मूल सिद्धांत और आचरण के आदर्श प्रदान करते हैं। वह रविवार को लता मंगेशकर कला केंद्र, ऊना में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में बतौर विशिष्ट अतिथि बोल रही थीं। उन्होंने युवाओं और नागरिकों से आग्रह किया कि वे शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखें, बल्कि संस्कारयुक्त शिक्षा को अपनाकर समाज में नैतिकता, जिम्मेदारी और सकारात्मक बदलाव लाएं। डॉ. मुक्ता ने नारी शक्ति को सामाजिक बदलाव की धुरी बताते हुए कहा कि नारी, विशेषकर मां के रूप में, जीवन में मूल्य, संस्कार और सकारात्मक आदर्शों का बीजारोपण करती है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि अपने जीवन में संस्कार, संस्कृति और सकारात्मक विचारों को अपनाएं और नशा मुक्त, संवेदनशील और समृद्ध समाज के निर्माण में सक्रिय योगदान दें। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव रंजीत सिंह ने अपने संबोधन में नशा निवारण और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे जन-जागरूकता अभियान का उल्लेख किया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 07, 2025, 23:12 IST
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