स्वास्थ्य सेवा: मौसमी बीमारियों की दवा देने वाला बरेली शहर बना मेडिकल हब

वर्तमान में मेडिकल हब के तौर पर पहचान बना चुके बरेली में कभी महज सर्दी, जुकाम, बुखार का ही इलाज होता था। जटिल बीमारियों के इलाज के लिए महानगरों की दौड़ लगाना और घंटों कतार में खड़े रहना लोगों की मजबूरी थी। 80 दशक तक लगभग ऐसी ही स्थिति रही। 90 के दशक से सेवाओं में विस्तार शुरू हुआ। अब सुपरस्पेशियलिटी सेवा समेत किडनी ट्रांसप्लांट, जटिल सर्जरी व कैंसर का इलाज भी शहर में होने लगा है। निजी अस्पताल एक नजर में - साल 1938 में आठ सदस्यों के साथ आईएमए बरेली ब्रांच की स्थापना। - 1968 तक मिशन अस्पताल, मैरी स्टोव्स, मेरी स्टव्स, डॉ. प्रेम क्लीनिक। - 1990 में अस्पताल बढ़े 2002 में शहर में पहला आईवीएफ सेंटर खुला। - आईएमए बरेली में अब आठ सौ से ज्यादा सदस्य, ढाई सौ अस्पताल हैं। - भोजीपुरा, दिल्ली रोड, पीलीभीत बाईपास पर निजी मेडिकल कॉलेज हैं। सरकारी सेवा एक नजर में - 52 लाख अनुमानित आबादी, 23 कोल्ड चेन - 16 सीएचसी, 50 पीएचसी, 21 यूपीएचसी - 452 उपकेंद्र, 271 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर - 555 एएनएम, 203 सीएचओ, 142 संगिनी - 3294 आशा वर्कर, छह ऑक्सीजन प्लांट - तीन सौ बेड का एक सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 17, 2023, 17:51 IST
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