Credit Score: पर्सनल लोन मिलेगा तभी, जब क्रेडिट स्कोर होगा सही

क्रेडिट स्कोर आपकी वित्तीय सेहत को जांचने का एक महत्वपूर्ण मापदंड है क्रेडिट स्कोर लोन या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया में निर्णायक भूमिका निभाता है। यह तीन अंकों की संख्या (300 से 900) आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और वित्तीय अनुशासन को दर्शाती है। सांख्यिकी के अनुसार, बेहतर क्रेडिट स्कोर से न केवल लोन आसानी से मिलता है, बल्कि ब्याज की दर भी कम होती है। क्या है क्रेडिट स्कोर क्रेडिट स्कोर एक तीन अंकों की संख्या है, जो 300 से 900 के बीच होती है और आपकी वित्तीय प्रोफाइल को दर्शाती है। यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, जैसे लोन की ईएमआई, क्रेडिट कार्ड भुगतान, और अन्य वित्तीय लेनदेन की गुणवत्ता को मापता है। कंपनियां इस स्कोर के आधार पर यह तय करती हैं कि आप लोन चुकाने में सक्षम हैं या नहीं। यदि आप समय पर भुगतान करते हैं और वित्तीय अनुशासन दिखाते हैं, तो आपका स्कोर ऊंचा होता है। वहीं, देरी या चूक से स्कोर खराब हो सकता है, जिससे लोन या क्रेडिट कार्ड मिलना मुश्किल हो जाता है। क्रेडिट स्कोर की श्रेणियां क्रेडिट स्कोर को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है. 300 से 500 का स्कोर सबसे खराब माना जाता है, जहां कंपनियां लोन या क्रेडिट कार्ड देने से बचती हैं या उच्च ब्याज दरें लागू करती हैं। 550 से 650 का स्कोर औसत है, जिसमें लोन मिल सकता है, लेकिन सख्त शर्तों के साथ. 650 से 700 का स्कोर अच्छा माना जाता है, जहां लोन आसानी से और तुलनात्मक रूप से कम ब्याज दर पर मिलता है। 750 से 900 का स्कोर सबसे उत्कृष्ट है, जिसमें कंपनियां न्यूनतम ब्याज दरों पर त्वरित लोन मंजूरी देती हैं और ग्राहक को प्राथमिकता देती हैं। खराब स्कोर का प्रभाव यदि आपका क्रेडिट स्कोर खराब है, तो यह दर्शाता है कि आपने भुगतानों में देरी की है या वित्तीय लेनदेन में कोताही बरती है। इससे बैंक और वित्तीय कंपनियां आपको जोखिम भरा मानती हैं और लोन देने से हिचकती हैं। यदि लोन मिलता भी है, तो ब्याज दरें बहुत अधिक होती हैं। खराब स्कोर आपकी वित्तीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है और क्रेडिट कार्ड या अन्य वित्तीय उत्पादों तक पहुंच को सीमित करता है। यह स्थिति आपके दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को भी प्रभावित कर सकती है। क्रेडिट स्कोर को बेहतर करने के तरीके क्रेडिट स्कोर को बेहतर करने के लिए समय पर सभी ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान करें। देरी से बचें, क्योंकि समय पर भुगतान स्कोर में सुधार करता है। क्रेडिट कार्ड की सीमा का उपयोग सीमित रखें, आदर्श रूप से कुल लिमिट का 30 प्रतिशत तक ही उपयोग करें। उदाहरण के लिए, यदि आपकी सीमा 50,000 रुपए है, तो 15,000-20,000 रुपए से अधिक उपयोग न करें। बार-बार लोन के लिए आवेदन करने से बचें, क्योंकि यह आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। कंपनियां इसे हार्ड इंक्वायरी मानती हैं, जिससे स्कोर कम हो सकता है। क्रेडिट हिस्ट्री की नियमित जांच अपनी क्रेडिट हिस्ट्री को समय-समय पर जांचना महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करें कि पुराने लोन, ईएमआई, और क्रेडिट कार्ड भुगतानों में कोई चूक तो नहीं हुई है। नियमित जांच से आप अपनी वित्तीय स्थिति को समझ सकते हैं और स्कोर सुधार के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं। क्रेडिट ब्यूरो जैसे CIBIL, Experian, या Equifax से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में प्राप्त करें और किसी भी त्रुटि को तुरंत ठीक करवाएं। यह प्रक्रिया आपके स्कोर को बनाए रखने और बढ़ाने में मदद करती है। वित्तीय अनुशासन का महत्व उच्च क्रेडिट स्कोर वित्तीय अनुशासन का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि आप अपने भुगतानों को नियमित और समय पर पूरा करते हैं, जिससे कंपनियां आपको भरोसेमंद मानती हैं। बेहतर स्कोर न केवल लोन और क्रेडिट कार्ड की प्रक्रिया को आसान बनाता है, बल्कि कम ब्याज दरें और तेज मंजूरी भी सुनिश्चित करता है। यह आपके वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने और बड़े निवेश जैसे घर या कार खरीदने में मदद करता है। पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, कमोडिटी, रियल एस्टेट और मंडी से जुड़ी ताजा खबरें पढ़ने के लिए www.thebonus.in पर आएं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jun 02, 2025, 20:25 IST
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