World News: नीरव मोदी की जेल बदलने से ब्रिटेन में मुकदमे की सुनवाई पर असर; पुतिन के खिलाफ ICC वारंट नहीं हटेगा

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के आरोपी और भारत में वांछित फरार व्यापारी नीरव मोदी की जेल बदले जाने से ब्रिटेन में बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े 80 लाख डॉलर के बकाया ऋण मामले की सुनवाई में नई जटिलताएं पैदा हो गई हैं। वकील ने लंदन हाईकोर्ट को बताया कि नीरव मोदी को अब एक छोटे सेल में दूसरे कैदियों के साथ रहना पड़ रहा है और उनके पास अपने कानूनी दस्तावेजों तक पर्याप्त पहुंच नहीं है, जिससे उनकी केस तैयारी प्रभावित हो रही है। 54 वर्षीय मोदी को हाल ही में एचएमपी थेम्साइड से एचएमपी पेंटनविले स्थानांतरित किया गया था, ताकि वह एक अलग ऋण मामले में अदालत में उपस्थिति दर्ज करा सकें। जज साइमन टिंकलर को बताया गया कि जनवरी 2026 में निर्धारित मुकदमे से पहले मोदी को अपनी गवाही और बचाव तैयार करने के लिए अधिक समय चाहिए। जज टिंकलर ने टिप्पणी की कि आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध न होने से मोदी निष्पक्ष तरीके से अपनी बात पेश नहीं कर पाएंगे। उन्होंने निर्देश दिया कि थेम्साइड जेल में मौजूद उनके सभी दस्तावेज तुरंत पेंटनविले जेल भेजे जाएं। अदालत ने मामले की अगली समीक्षा सुनवाई 19 दिसंबर को तय की है। ऑनलाइन सुनवाई में मोदी के वकील ने कहा कि बिना आईटी सुविधा, छोटे सेल और साझा डेस्क की वजह से उनके मुवक्किल को गंभीर असुविधा हो रही है। वहीं बैंक ऑफ इंडिया के वकील ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि मोदी लगातार देरी की रणनीति अपना रहे हैं और भारत प्रत्यर्पण से पहले ही सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए।2019 से ब्रिटेन में हिरासत में है मोदी:नीरव मोदी 2019 से ब्रिटेन में हिरासत में हैं और अब तक की सभी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। भारत में उनके खिलाफ सबीआई, ईडी और गवाहों के साथ छेड़छाड़ से जुड़े तीन प्रमुख आपराधिक मामले लंबित हैं। 2021 में ब्रिटेन ने उनके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी, लेकिन हाल ही में उनकी अपील दोबारा खोलने की अनुमति मिलने से प्रक्रिया एक बार फिर लंबी हो सकती है। यूक्रेन युद्ध पर शांति वार्ता सफल हुई तो भी पुतिन के खिलाफ वारंट नहीं हटेगा : आईसीसी अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) की उप अभियोजक नजहत शमीम खान ने कहा कि यूक्रेन युद्ध को लेकर शुरू हुई शांति वार्ताओं के सफल होने पर भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट खत्म नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अदालत की जांच तभी रोकी जा सकती है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इसे अस्थायी तौर पर स्थगित करने का अनुरोध करे। खान ने कहा, जब एक बार जांच शुरू हो जाती है, तो हम अपने नियामक ढांचे के तहत ही आगे बढ़ते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि न्याय और शांति एक-दूसरे के पूरक हैं। स्थायी शांति के लिए जवाबदेही जरूरी है। बता दें कि बीते कुछ हफ्तों में अमेरिका, यूक्रेन और रूस के अधिकारी संभावित समझौते पर बातचीत के लिए कई दौर की बैठकों में शामिल हुए हैं। लेकिन खान ने कहा कि आईसीसी की प्रक्रिया इन वार्ताओं से प्रभावित नहीं होगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 06, 2025, 01:43 IST
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