Noida News: ऑटिज्म की शुरुआती पहचान पर कार्यशाला

ऑटिज्म की शुरुआती पहचान पर कार्यशालाग्रेटर नोएडा (संवाद)। ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित यथार्थ सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बच्चों के विकास और ऑटिज्म की शुरुआती पहचान पर तीन दिवसीय कार्यशाला हुई। कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को बच्चों के विकास और ऑटिज्म की शुरुआती पहचान को बताना था। विभागाध्यक्ष और डेवलपमेंटल पीडियाट्रिशन डॉ. स्वाति छाबड़ा ने बताया कि ऑटिज्म तब सामने आता है, जब बच्चे का सामाजिक संवाद, भाषा विकास, प्रतिक्रिया क्षमता और व्यवहार उनकी आयु के हिसाब से विकसित नहीं हो पाते। इसके शुरुआती लक्षणों में नाम पुकारने पर प्रतिक्रिया न देना, आई कॉन्टैक्ट कम होना, बहुत कम बातचीत, एक ही चीज़ को बार बार करना, तेज आवाज या किसी टेक्सचर से परेशानी, कम सामाजिक जुड़ाव और भाषा में देरी जैसे संकेत शामिल होते हैं। इन महत्वपूर्ण बदलावों को समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है। वहीं सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. तनुश्री भार्गव ने पिछले कुछ वर्षों में ओपीडी में विकास में देरी का सामना करने वाले बच्चों की संख्या साफ तौर पर बढ़ी है। डेढ़ वर्ष से चार वर्ष का आयु वर्ग में सबसे ज्यादा असर होता है। जहां भाषा के विकास में देरी, कम प्रतिक्रिया, ऐक्टिविटीज में बहुत सीमित हिस्सेदारी और शुरुआती व्यवहारगत बदलाव साफ दिखाई देते हैं। एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मोटर माइलस्टोन छूटना और प्रतिक्रिया देने में कमी जैसे लक्षण अब पहले से ज्यादा देखने में आ रहे हैं, जो चिंताजनक है।नितेश कुमार

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 20, 2025, 20:34 IST
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