Kangra News: बिना फर्नीचर और पानी, पालना केंद्र बना परेशानी

धर्मशाला। जिला महिला एवं बाल विकास विभाग के कचहरी परिसर में संचालित आंगनबाड़ी सह क्रेच में एक माह बीत जाने के बावजूद बच्चों और महिला कार्यकर्ताओं के लिए फर्नीचर नहीं पहुंचा है। केंद्र में कुर्सी और टेबल न होने के कारण महिला कार्यकर्ता बच्चों की छोटी कुर्सियों पर बैठकर काम करने को मजबूर हैं।एक अगस्त को जिला उपायुक्त हेमराज बैरवा की मौजूदगी में उद्घाटन किए गए इस पालना केंद्र का उद्देश्य कार्यालय परिसर में कार्यरत और आने वाली महिलाओं के बच्चों (6 माह से 6 वर्ष) की देखभाल, पोषण और स्तनपान की सुविधा प्रदान करना है। केंद्र सुबह 9:30 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। इस केंद्र में धर्मशाला की दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और दो सहायिकाओं को बच्चों की देखभाल के लिए तैनात किया गया है।लेकिन पिछले एक माह में महिला कार्यकर्ताओं को बैठने के लिए कुर्सी तक उपलब्ध नहीं करवाई गई और न ही टेबल केंद्र तक पहुंची। इसके अलावा, पिछले 15 दिनों से पानी की व्यवस्था न होने के कारण कार्यकर्ताओं को हनुमान मंदिर के पास कार्यालय से 150 मीटर दूर से बाल्टी में पानी भरकर लाना पड़ रहा है। पानी न होने के कारण शौचालय में गंदगी और बदबू फैल गई है, जिसका असर बच्चों की सेहत पर भी पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे हालात में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और बच्चों की सुरक्षा के लिए यह गंभीर मामला है।तहसीलदार और स्थानीय अधिकारी भी केंद्र की स्थिति पर नजर रख रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि उद्घाटन के एक माह बाद भी बुनियादी सुविधाओं का इंतजाम क्यों नहीं किया गया। उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि जल्द ही फर्नीचर सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 07, 2025, 19:23 IST
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