Dand Kram Parayan: क्या है दंडक्रम पारायण, जिसका 200 साल बाद पाठ हुआ, ये क्यों कहलाता है वैदिक पाठक का मुकुट?

देवव्रत महेश रेखे। आयु सिर्फ 19 वर्ष लेकिन जो किया, वो सदियों तक याद रखा जाएगा। यहां बात एक ऐसे दुर्लभ कीर्तिमान की बात हो रही है, जिसे कर पाना तो दूर, जिसे सोचकर हीअसंभव-सा महसूस होता है। यह उपलब्धि है- दंडक्रम पारायण की। वेदों की पवित्र परंपरा से निकला एक ऐसा कठिन तप, जो गहरी तपस्या और स्मरण शक्ति से ही संभव हो पाता है। देवव्रत महेश रेखे जैसे अद्भुत साधक ने यह कर दिखाया। भारत के सनातन इतिहास में 200 साल बाद ऐसा हुआ। अंतिम बार इस कठिन वैदिक पाठ को 200 वर्ष पहले महाराष्ट्र के नासिक में वेदमूर्ति नारायण शास्त्री ने पूरा किया था। यह दंडक्रम पारायण शुक्ल यजुर्वेद की एक शाखा से निकला है। जानिए इसके बारे में

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 03, 2025, 18:39 IST
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