हरियाणा में जलसंकट गहराया: पानी की राशनिंग शुरू, जलघर होने लगे खाली, जल संघर्ष समिति कल करेगी विरोध-प्रदर्शन

पंजाब सरकार के भाखड़ा बांध से हरियाणा का पानी रोके जाने से सिरसा, फतेहाबाद और हिसार में पेयजल संकट गहरा गया है। नहरों में पानी का स्तर 75 फीसदी तक घट गया है। जलघरों के टैंक खाली होने लगे हैं। जिलों में पानी की राशनिंग शुरू कर दी गई है। पानी आपूर्ति करने वाले टैंकरों के दाम डेढ़ से दोगुने तक बढ़ गए हैं। हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में सिंचाई के लिए पानी न मिलने से कपास की बुआई प्रभावित हो रही है। हिसार में जिला प्रशासन ने नहर की मोरी बंद करने के आदेश दिए हैं, ताकि नहरी पानी का कृषि कार्य में उपयोग न किया जा सके। फतेहाबाद में भी नहरी पानी की आपूर्ति सिर्फ जलघरों को भरने के लिए किया जा रहा है। फतेहाबाद में अब नहरों में 1975 क्यूसेक पानी आ रहा है। पहले जिले में 8000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाता था। जिले में 8500 क्यूसेक पानी की जरूरत है। ऐसे में पेयजल संकट के साथ ही कपास की बुआई का काम प्रभावित हो रहा है। जल संकट को लेकर बुधवार को सिंचाई विभाग और जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें डिस्ट्रीब्यूटरी में रोटेशन के हिसाब से पानी छोड़े जाने को लेकर मंथन किया गया। हिसार में नहरों में चार दिन पानी आने के बाद बंद हो गया है। इससे ज्यादातर जलघर खाली हो गए हैं या उनमें नाममात्र का ही पानी बचा है। जल संघर्ष समिति ने शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन का एलान किया है। चरखी दादरी जिले की नहरों को बाकरा हेड से 270 क्यूसेक पानी मिला है, जबकि सिंचाई विभाग ने 930 क्यूसेक पानी की मांग भेजी थी। भिवानी को 2250 क्यूसेक के मुकाबले मात्र 1625 क्यूसेक पानी मिला है। फिलहाल नहर बंदी चल रही है। करनाल में भाखड़ा का जलस्तर 2300 क्यूसेक से घटकर 1500 रह गया है। पानीपत में नहरी पानी पर मतलौडा व इसराना के करीब 70 गांव आश्रित हैं। पानी की कमी में इन गांवों में दिक्कत आ सकती है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 01, 2025, 08:36 IST
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