वसीम बरेलवी: आते आते मिरा नाम सा रह गया
आते आते मिरा नाम सा रह गया उस के होंटों पे कुछ काँपता रह गया रात मुजरिम थी दामन बचा ले गई दिन गवाहों की सफ़ में खड़ा रह गया वो मिरे सामने ही गया और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया झूट वाले कहीं से कहीं बढ़ गए और मैं था कि सच बोलता रह गया आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे ये दिया कैसे जलता हुआ रह गया उस को काँधों पे ले जा रहे हैं 'वसीम' और वो जीने का हक़ माँगता रह गया हमारे यूट्यूब चैनल कोSubscribeकरें।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 07, 2025, 17:05 IST
वसीम बरेलवी: आते आते मिरा नाम सा रह गया #Kavya #UrduAdab #WaseemBarelvi #वसीमबरेलवी #SubahSamachar