Shahjahanpur: श्रीराम कथा में बही भक्ति की बयार, कथावाचक विजय कौशल ने सुनाए प्रसंग
शाहजहांपुर में मंगलमय परिवार की ओर से आयोजित श्रीराम कथा में कथावाचक संत विजय कौशल ने कहा कि जब तक मनुष्य अपने भीतर की मलिनता, क्रोध, अहंकार, ईर्ष्या और लोभ को नहीं धोता, तब तक सच्ची भक्ति का द्वार नहीं खुलता। उन्होंने भक्तों को सहज शब्दों में बताया कि आत्मा की शुद्धता कोई कठिन साधना नहीं, बल्कि सरल जीवन और सच्चे आचरण का परिणाम है। ओसीएफ के रामलीला मैदान में कथा में दूसरे दिन वातावरण पूर्णतः आध्यात्मिक और आत्ममंथन से भरा रहा। उन्होंने कहा कि मनुष्य बाहर से स्वच्छ रहना तो सीख गया है, लेकिन भीतर का मन अभी भी मलिन है। आत्मा की शुद्धि तब होती है। जब हम अपने कर्मों, वचनों और विचारों को भगवान के चरणों में समर्पित कर देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जल से केवल तन शुद्ध होता है, पर राम नाम से मन और आत्मा दोनों निर्मल हो जाते हैं। कथा के अंत में भजन “मन मंदिर में बसो राम” की मधुर ध्वनि के साथ पूरा पंडाल झूम उठा। मुख्य यजमान मुनेंद्र सिंह और शशि सिंह (मोहम्मदी) ने विधिवत पूजन-अर्चन किया। तिलहर विधायक सलोना कुशवाहा, जगतबंधु रघुवंशी, आशुतोष सिंह, सचिन रघुवंशी, स्वामी हरिदास, अधिवक्ता राजेश अवस्थी, गोविंद मिश्रा, अविनेश प्रताप सिंह, असित पाठक, मनोज तिवारी आदि मौजूद रहे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 10, 2025, 19:39 IST
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