झज्जर: बाल विवाह के खिलाफ धर्मगुरुओं से मांगा सहयोग

जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन एलायंस की सहयोगी संस्था एमडीडी ऑफ इंडिया द्वारा बाल विवाह के खिलाफ वैश्विक अंतरधार्मिक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जो 14 सितंबर तक चलेगा। संस्था की टीम ने जिले के सभी धार्मिक स्थान पर धार्मिक नेताओं से मिलकर यह आग्रह किया जा रहा है कि वह श्रद्धालुओं को बाल विवाह के उन्मूलन के लिए प्रेरित करें। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान में धार्मिक नेता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। एमडीडी ऑफ इंडिया संस्था जिले में संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शिक्षा भाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर बाल विवाह के खिलाफ अभियान चला रही है। इन विभागों के सहयोग से जिले के हजारों परिवारों को जागरूक किया गया है। बेरी के भीमेश्वरी देवी मंदिर के मुख्य पुजारी कुलदीप ने कहा कि बाल विवाह के चलते लड़कियों के सपने पूरे नहीं होते। बाल विवाह के कारण लड़कियां को शारीरिक मानसिक आर्थिक और भावनात्मक विकास नहीं हो पाता, इसलिए बाल विवाह जैसी को कुप्रथा को मिटाना जरूरी है। कई मामलों में देखा गया है कि लड़कियों की उम्र बहुत ही कम होती है और लड़कों की उम्र उनके मुकाबले दो गुनी या उससे भी ज्यादा होती है। 2006 के बाल विवाह निषेध कानून के अनुसार ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, उसको बढ़ावा देता है, उसमें सहायता करता है उसको दो साल तक की कड़ी सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम लड़के को नाबालिग माना जाता है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 13, 2025, 19:47 IST
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