हिसार में महामंडलेश्वर संतोषी माता बोलीं- भारतीय संस्कृति का बड़ा आधार धर्म परायणता ,धार्मिक आयोजनों का विशेष महत्व
भारतीय संस्कृति का बड़ा आधार धर्म परायणता है।भारतीय संस्कृति में धार्मिक आयोजनों का विशेष महत्व है। इन आयोजनों में समाज के सर्वसुख व सम्पन्नता की कामना की जाती है। पूजा व पाठ के माध्यम से आरोग्य जीवन के लिए व प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए प्रार्थना की जाती है। विश्व कल्याण की कामना की जाती है। महामण्डलेश्वर संतोषी माता ने शनिवार को मॉडल टाउन स्थित श्री आद्यशक्ति पीठ मां संतोषी आश्रम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि महायज्ञ के आयोजन से सामाजिक वातावरण में परिवर्तन होता है। धार्मिक अनुष्ठानों से समाज में समरसता और सहजता के साथ सन्मार्ग की दीक्षा मिलती है। श्री आद्य शक्ति पीठ मां संतोषी आश्रम के रजत जयंती के शुभावसर पर 27 अक्तूबर से 108 श्रीमद् देवी भागवत कथा व लक्ष्मी महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।जिसमें प्रदेश भर के श्रद्धालु हिस्सा लेंगे। सैंकडों की संख्या में विद्वान ब्राह्मण इसमें हिस्सा लेंगे। सात दिन तक भागवत कथा आयोजित की जाएगी। संतोषी माता ने कहा कि समग्र प्राणी प्रकृति के अधीन है। प्रकृति ही सृष्टि की कर्ता, भर्ता व हर्ता है। जो सृष्टि के संचालन में निपुण शक्ति है, उसी का नाम प्रकृति है। उन्होंने कहा कि सृष्टि के प्रधान देव ब्रह्मा, विष्णु व महेश हैं और यह तीनों ही मां भगवती देवी की पूजा करके उनसे शक्ति प्राप्त करते हैं। शक्ति की सभी को आवश्यकता होती है। शक्तिहीन व्यक्ति चलने फिरने में भी असमर्थ हो जाता है। अत: शक्ति की पूजा सभी करते हैं और शक्ति की अधिष्ठात्री मां देवी हैं। महामण्डलेश्वर संतोषी माता ने बताया कि एक जन्मा का नहीं अपितु कई-कई जन्मों के शुभ कर्मों का फल एकत्रित होने पर ही श्रीमद् देवी भागवत कथा श्रवण करने का अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि जगत जननी मां भगवती के चरित्र का जिसमें वर्णन हो उसे श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कहते हैं। मां भगवती चराचर सकल जगत के उत्पन्न करने वाली, पालन करने वाली व उसका संहार करने वाली पराशक्ति हैं। उन्होंने कहा कि यज्ञ करना सतकर्म है और सतकर्म करने से भी सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।उन्होंने कहा कि सत्संग से संसार की आसक्ति दूर होती है और व्यक्ति को अपने कर्तव्य का बोध होता है। इस अवसर पर राजमल काजल, सतीश अग्रवाल, लोकनाथ सिंगल, सुशील बुडाकिया, मदन लाल गोयल, सुभाष बंसल आदि भी मौजूद रहे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 04, 2025, 15:13 IST
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