करनाल में बाला सुंदरी मंदिर में भगवान शिव कथा का शुभारंभ, साध्वी सरोज भारती ने सुनाया सती प्रसंग
करनाल के गांव जुंडला में बाला सुंदरी मंदिर में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से आयोजित भगवान शिव कथा का भव्य शुभारंभ हुआ। पहले दिन साध्वी सुश्री सरोज भारती ने सती प्रसंग का मार्मिक वर्णन करते हुए सैकड़ों श्रद्धालुओं को भक्ति, आत्मज्ञान और त्याग का गूढ़ संदेश दिया। कथा स्थल पर भक्तों की भारी भीड़ जुटी, और माहौल भक्ति-भाव से सराबोर रहा।सती प्रसंग: मानव बुद्धि की सीमाएं और ब्रह्मज्ञान की महत्तासाध्वी सरोज भारती ने अपने प्रवचन में सती प्रसंग को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि जब माता सती ने भगवान श्रीराम को माता सीता की खोज में व्याकुल देखा, तो उनके मन में संदेह उत्पन्न हुआ कि परमेश्वर श्रीराम मानव की तरह दुखी क्यों हैं साध्वी ने कहा कि यह संदेह मानव बुद्धि की सीमित दृष्टि का प्रतीक है। उस समय माता सती में दिव्य दृष्टि और ब्रह्मज्ञान का अभाव था, जिसके कारण वे श्रीराम के परमब्रह्म स्वरूप को नहीं समझ सकीं। कथा में साध्वी ने आगे बताया कि सती का यह अज्ञान उनके और भगवान शिव के बीच वियोग का कारण बना। अज्ञान के कारण उन्हें पुनर्जन्म लेकर माता पार्वती के रूप में तप करना पड़ा, ताकि वे शिव को पुनः प्राप्त कर सकें। उन्होंने श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि जब तक मनुष्य में ब्रह्मज्ञान का प्रकाश नहीं होता, वह संसार के मोह, माया और दुखों में भटकता रहता है। सत्य को समझने के लिए हमें अपनी आत्मा को जागृत करना होगा। भक्ति और आत्मज्ञान का संदेशसाध्वी ने जोर देकर कहा कि सती प्रसंग हमें यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति और आत्मज्ञान ही जीवन को सार्थक बनाते हैं। उन्होंने भक्तों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में भगवान शिव की भक्ति को अपनाएं और गुरु के मार्गदर्शन में आत्मज्ञान की प्राप्ति करें। कथा के दौरान भजनों और शिव स्तुति ने माहौल को और भी आध्यात्मिक बना दिया।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 04, 2025, 15:14 IST
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