हिसार में कपास के किसानों को नहीं मिल रहा एमएसपी ,1200 से 1800 प्रति क्विंटल कम पर बेचने को मजबूर

कपास के किसानों की मुसीबतें खत्म नहीं हो रही। अगस्त- सितंबर माह में भारी बारिश से किसानों की कपास की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। अब किसानों की कपास की फसल को मंडी में खरीददार नहीं मिल रहे। मंडियों में अब तक कपास की सरकारी खरीद शुरु नहीं हो सकी है। किसानों को कपास की फसल के लिए अभी तक जिनिंग मिल तय नहीं हो सकी हैं। आढ़ती कपास को एमएसपी से 1200 से 1800 रुपये प्रति क्विंटल कम पर खरीद रहे हैं। कपास किसानों को इस समय बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के कारण किसानों का कपास का उत्पादन बेहद कम है। अब आढ़ती खराब गुणवत्ता का हवाला देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत पर कपास खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों को अपनी फसल के लिए एमएसपी नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार ने इस साल कपास के लिए 27 एमएम गुणवत्ता वाले कपास के लिए 7,860 रुपये प्रति क्विंटल और 28 एमएमए गुणवत्ता वाले कपास के लिए 8,910 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। मंडियों में आढ़ती कपास को 6000 रुपये से 7100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर ही खरीद रहे हैं। किसानों को प्रति क्विंटल 1200 से लेकर 1800 रुपये क्विंटल का नुकसान हो रहा है। किसानों ने कहा कि सरकार को जिनिंग मिल तय करा कर सरकारी खरीद शुरु करानी चाहिए ताकि किसानों को पूरा दाम मिल सके। मैंन दो एकड़ में कपास की खेती की थी। सितंबर महीने में भारी बारिश के कारण उनकी फसल को काफी नुकसान हुआ है। अब उन्हें अपनी फसल के लिए एमएसपी नहीं मिल रहा है। 6000 से 6200 रुपये प्रति क्विंटल पर फसल बेचने को मजबूर हैं। ऋषि पूनिया, किसान कपास की गुणवत्ता खराब होने का हवाला देकर आढ़ती किसानों को लूट रहे हैं। कभी कपास में नमी की मात्रा अधिक बता देते हैं तो कभी गुणवत्ता खराब बता दे रहे हैं। मैंने तीन एकड़ में कपास लगाई थी। अभी रेट को देखते हुए फसल रोक ली है। अनिल गोरछी, किसान मैंने 2.5 एकड़ में कपास लगाई थी। पहले तो बारिश ने बर्बाद कर दिया। अब आढ़ती न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीद रहे। कपास निगम ने खरीदारी शुरू नहीं की है, जिससे किसानों को परेशानी हो रही है। अगर सीसीआई खरीद करे तो किसानों को राहत मिलेगी। मंदीप कसवां, किसान सरकार और कपास निगम आगे आकर समस्या का समाधान कराना चाहिए। उम्मीद है कि सरकार हमारी मांगों को मानकर एमएसपी पर खरीदारी करेगी, ताकि उन्हें अपनी फसल का सही मूल्य मिल सके। मैंने एक एकड़ में कपास लगाई है। जंग बहादुर, किसान

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 12, 2025, 14:20 IST
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