विभूतिनारायण राय बताते हैं- मैंने परसाई जी को इतना नर्वस कभी नहीं देखा, फ़िराक़ से मिलने के बाद...

फ़िराक साहब आधुनिक शायरी के आख़िरी शास्त्रीय (क्लासिक) शायर थे लेकिन हैरत है कि कि प्रेम और सौंदर्य के तीव्र बोध का यह शायर अपने जानने वालों में अपनी शायरी से ज़्यादा अपनी सनक, हेकड़ी और बदमगज़ी के लिये भी जाना जाता है। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा के पूर्व कुलपति और उपन्यासकार विभूतिनारायण राय हैं जिन्होंने बारहा फ़िराक़ को देखा और जाना था।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 27, 2018, 17:16 IST
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विभूतिनारायण राय बताते हैं- मैंने परसाई जी को इतना नर्वस कभी नहीं देखा, फ़िराक़ से मिलने के बाद... #Kavya #MudMudKeDekhtaHu #FiraqGorakhpuri #FiraqGorakhpuriShayari #फ़िराक़गोरखपुरी #SubahSamachar