UP News : भ्रष्टाचार की जांच नहीं करेंगे सेवानिवृत्त अधिकारी, शासन ने सभी विभागों को जारी किए निर्देश

किसी सरकारी विभाग या उपक्रम में भ्रष्टाचार की जांच सेवानिवृत्त अधिकारियों से नहीं कराई जाएगी। विशेष परिस्थितियों में अपर मुख्य सचिव (एसीएस) से संबंधित मामलों में ही सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों से जांच कराई जा सकती है। इस बारे में सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सरकारी बैंकों, बीमा कंपनियों और केंद्र सरकार के विभागों में भ्रष्टाचार की जांच सेवानिवृत्त कर्मियों से नहीं कराने को कहा है। सीवीसी ने करीब दो दशक पहले ये दिशा-निर्देश दिए थे। इसके बावजूद सेवानिवृत्त अधिकारियों से जांच कराने के मामले संज्ञान में आने पर आयोग ने फिर स्पष्ट निर्देश दिए हैं। सीवीसी का तर्क है कि जांच में सेवानिवृत्त अधिकारियों के गड़बड़ करने पर उनके खिलाफ समुचित कार्रवाई नहीं हो पाती है। यूपी के अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी का कहना है कि यहां भी यह व्यवस्था पहले से लागू है। किसी भी विभाग में अपेक्षाकृत निम्न स्तर के अधिकारी की जांच उससे उच्चस्तर के सेवारत अधिकारी से कराई जानी चाहिए। अगर विभागाध्यक्ष के खिलाफ जांच होनी है तो उसकी जांच किसी आईएएस अधिकारी से कराई जाएगी। आईएएस व पीसीएस अधिकारियों के मामले में भी निचले ग्रेड के अधिकारी की जांच, उच्च ग्रेड के अधिकारी से कराने की व्यवस्था है। डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि सिर्फ अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी के खिलाफ जांच में यह व्यवस्था है कि सेवानिवृत्त अधिकारी से जांच कराई जा सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जांच हमेशा वरिष्ठ अधिकारी से ही कराई जा सकती है। अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी से सीनियर बैच का कोई अधिकारी सेवारत नहीं है तो फिर सेवानिवृत्त अधिकारी को जांच की जिम्मेदारी देनी होगी। इस बारे में सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 17, 2023, 20:58 IST
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