यूपी: दवाओं ने बदली एड्स संक्रमित दंपतियों की जिंदगी, दोनों के प्रभावित होने पर भी बच्चा हो रहा निरोग

एचआईवी-एड्स संक्रमित दंपती दवाओं के प्रभाव की वजह से स्वस्थ बच्चे को जन्म दे पा रहे हैं। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के एंटी रेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर पर एक-दो नहीं बल्कि 80 ऐसे मामले हैं जिनमें एचआईवी-एड्स पीड़ित दंपती ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। केजीएमयू के संक्रामक रोग प्रभारी डॉ.डी हिमांशु ने बताया कि आम धारणा है कि एचआईवी-एड्स पीड़ित संक्रमित व्यक्ति के बच्चे भी संक्रमित होते हैं, हालांकि ऐसा नहीं है। अगर शुरुआती समय से ही संक्रमित एआरटी सेंटर आकर दवाएं लेना शुरू कर दें तो वे संक्रमित व्यक्ति से न सिर्फ शादी कर सकते हैं बल्कि बच्चे भी पैदा कर सकते हैं। दवाओं के प्रभाव से इनके होने वाले बच्चे 99 फीसदी तक गैर-संक्रमित हो सकते हैं। समझें क्या है एचआई-एड्स ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) का कारण बनता है। एचआईवी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है। इसकी वजह से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इलाज न होने पर यह एड्स बन जाता है। एड्स एचआईवी संक्रमण का अंतिम और सबसे गंभीर चरण है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली रोगों से लड़ने में असमर्थ हो जाती है। इसकी वजह से संक्रमित व्यक्ति को टीबी समेत कई अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 01, 2025, 09:38 IST
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