यूपी: सीएम योगी बोले, फंडिग से नहीं जन सहयोग से चलता है आरएसएस, मोहन भागवत ने की अर्जुन से तुलना
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आज जिस तरह से पूरी दुनिया लड़खड़ा रही है, वैसे ही महाभारत के दौरान अर्जुन भी लड़खड़ा गए थे और अपने बंधुओं के खिलाफ हथियार उठाने से मना कर दिया था। उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें श्रीमद्भागवत गीता के माध्यम से मोह से मुक्त होने का ज्ञान दिया था। जनेश्वर मिश्र पार्क में रविवार को आयोजित दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव के दौरान मुख्य अतिथि सरसंघचालक ने कहा कि विश्व में शांति की स्थापना गीता की अवधारणा पर ही संभव है। जीओ गीता परिवार की ओर से आयोजित भव्य समारोह का उद्घाटन सरसंघचालक मोहन भागवत और विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम से समारोह की शुरुआत हुई। दोनों अतिथियों को जीओ गीता परिवार के प्रमुख ज्ञानानंद महाराज ने गीता की प्रति भेंट की। इस दौरान मुख्य मंच से अलग एक अन्य मंच से बटुकों ने गीता के श्लोकों का स्वरबद्ध पाठ किया। सहारनपुर के विद्यालय के दिव्यांग छात्रों ने ब्रेल लिपि के माध्यम से स्वस्तिवाचन कर गीत प्रस्तुत किया तो वहीं भजन गायकों ने जाने क्या जादू भरा हुआ भगवान तुम्हारी गीता में के माध्यम से श्रोताओं को आनंदित कर दिया। मोहन भागवत ने कहा कि गीता हमें सिखाती है कि समस्या से भागो मत, बल्कि उसका डटकर सामना करो। उन्होंने कहा कि हमें धर्म की रक्षा के लिए लड़ना है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि हम गीता के ज्ञान को समझें और 700 श्लोकों में से अगर प्रतिदिन हम गीता के दो श्लोक भी रोज पढ़कर उसका मर्म समझने का प्रयास करेंगे तो एक वर्ष के भीतर ही हम आत्मज्ञान प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ जाएंगे। गीता के पथ पर चलकर ही भारत विश्वगुरु बन सकता है। इस दौरान उन्होंने रामायण काल में राजा जनक के एक स्वप्न का जिक्र किया जिसमें वे देखते हैं कि उन्हें उनके ही देश से निकालने का आदेश हो जाता है। इसके माध्यम से बताया कि परिस्थितियों का रोना रोने से कुछ नहीं होगा, वे तो आती-जाती रहती हैं। मोहन भागवत ने कहा कि हमें खुद से ज्यादा धर्म की चिंता होनी चाहिए। भारत पर अनगिनत आक्रमण और धर्मांतरण के बावजूद हमारा वजूद नहीं मिटा और अब हम राम मंदिर पर ध्वजा फहराने जा रहे हैं। आचार्य महासभा के समन्वयक स्वामी परमात्मानंद और जगद्गुरु रामानुजाचार्य ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जगद्गुरु विष्णु स्वामी सतुआ बाबा, महंत धर्मेंद्र दास, राज्य सभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा, एमएलसी पवन सिंह चौहान, मंत्री संजय निषाद, मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, राजीव गोयल, हास्य कवि सर्वेश अस्थाना, पूर्व डीआईजी दिनेश चंद्र दुबे, सुधीर हलवासिया, रामलाल, स्वांत रंजन समेत बड़ी संख्या में संघ, भाजपा और जीओ गीता परिवार के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे। फंडिंग से नहीं जन सहयोग से चलता है आरएसएस : योगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझसे जब कोई पूछता है कि आरएसएस को फंडिंग कहां से होती है तो मैं जवाब देता हूं कि संघ को किसी ओपेक देश या अंतरराष्ट्रीय चर्च से फंडिंग नहीं होती है, बल्कि यह जन सहयोग से चलने वाला संगठन है जो आमजन की सेवा में लगा है। सौ वर्ष के इतिहास में संघ ने कभी दूसरों की तरह सौदेबाजी नहीं की। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी नहीं कहा कि हमारी उपासना पद्धति श्रेष्ठ है। सांस्कृतिक व आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होने के बावजूद हमने अपनी श्रेष्ठता का डंका नहीं पीटा। हमारे सामने जो भी पीड़ित आया, उसकी मदद की, यही सनातन धर्म की विशेषता है। उन्होंने कहा कि अपने धर्म के लिए मरना अच्छा है, लेकिन लालच में धर्मांतरण करना महापाप है। उन्होंने कहा कि युद्ध का क्षेत्र भी हमारे लिए धर्म क्षेत्र है। सनातन धर्म में हमें सिखाया गया है कि अच्छे कर्म का परिणाम अच्छा और बुरे का बुरा होता है। गीता हमें सिखाती है कि फल की इच्छा के बिना निष्काम कर्म करते रहना चाहिए। हमने विश्व को जीओ और जीने दो के साथ वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा दी। दुनिया में महाभारत जैसी स्थिति, गीता ही समाधान : स्वामी ज्ञानानंद जीओ गीता परिवार के प्रमुख स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि पूरी दुनिया में इस समय महाभारत जैसे हालात हैं और ऐसे में गीता ही इसका समाधान हो सकती है। उन्होंने कहा कि दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव का उद्देश्य एक ऐसी प्रेरणा है जिससे हम गीता को पढ़ें, समझें और मनन कर इसका जीवन में सकारात्मक उपयोग करें। उन्होंने कहा कि तुष्टीकरण के बादल छंट रहे हैं और सनातन का उदय हो रहा है। ऐसे में गीता का संदेश जन-जन और घर-घर तक पहुंचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चों के पाठ्यक्रम में भी गीता के अंश होने चाहिए और बड़ी कक्षाओं में भी इसे शामिल किया जाना चाहिए जिससे शुरुआत से ही जीवन जीने की कला को विकसित किया जा सके।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 23, 2025, 15:24 IST
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