West Asia Crisis: अमेरिका UNSC में अलग-थलग? गाजा संकट के बीच अधिकांश देश बोले- हम सीजफायर-फलस्तीन के पक्ष में
फ्रांस द्वारा अन्य देशों के साथ मिलकर फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने के एक दिन बाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में फिर से वीटो शक्ति वाले अमेरिका और बाकी दुनिया के देशों के बीच गहरे मतभेद दिखाई दिए। यह मतभेद इस बात को लेकर था कि गाजा पट्टी में युद्ध को कैसे रोका जाए और मध्य पूर्व संघर्ष का हल कैसे निकाला जाए। संकट पर चर्चा के लिए आयोजित विशेष सत्र में, कई देशों के प्रतिनिधियों ने 7 अक्तूबर 2023 को हमास के हमले और गाजा में इस्राइल की सैन्य कार्रवाई पर चिंता जताई। इन हमलों में हजारों फलस्तीनी मारे गए, बड़े क्षेत्र तबाह हुए और लगभग 90 फीसदी आबादी विस्थापित हो गई, जिनमें कई लोग भूखे हैं। अधिकांश देशों ने तुरंत युद्धविराम और मानवीय मदद की मांग की। ये भी पढ़ें:India-Italy Ties:'भारत अहम भूमिका निभा सकता है', दुनिया में चल रहे संघर्षों के समाधान पर इटली की पीएम मेलोनी वैश्विक अंतरात्मा के लिए भी कब्र बना गाजा: डार पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने कहा, 'गाजा अब सिर्फ इंसानियत का कब्रिस्तान नहीं, बल्कि वैश्विक अंतरात्मा के लिए भी कब्र बन गया है। शब्दों का समय खत्म हो गया है, अब कार्रवाई का समय है।' लेकिन सुरक्षा परिषद से अभी कोई ठोस कदम की उम्मीद नहीं है। अमेरिका ने कई बार गाजा में युद्धविराम की मांग को रोकते हुए इस्राइल का समर्थन किया है। पिछले हफ्ते, उसने सुरक्षा परिषद में सभी 14 अन्य सदस्यों के खिलाफ युद्धविराम और सभी बंधकों की रिहाई पर प्रस्ताव का विरोध किया। हमास की कड़ी निंदा करने में पर्याप्त नहीं प्रस्ताव: अमेरिका वहीं, अमेरिका का कहना है कि यह प्रस्ताव हमास की कड़ी निंदा करने में पर्याप्त नहीं था। वहीं, फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने की हाल की कोशिशों के खिलाफ भी अमेरिका है। अमेरिका सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के नाते किसी भी समय फलस्तीनी पूर्ण सदस्यता की राह को रोक सकता है। युद्ध खत्म करने की मांगों के बीच इस्राइल-अमेरिका अलग-थलग सुरक्षा परिषद की बैठक से यह साफ हो गया कि इस्राइल और उसका करीबी सहयोगी अमेरिका दुनिया भर में बढ़ते दबाव और गाजा में युद्ध खत्म करने की मांगों के बीच अलग-थलग हैं। जब से विश्व नेता न्यूयॉर्क पहुंचे हैं, गाजा और फलस्तीनी राष्ट्र की मान्यता मुख्य चर्चा का विषय बनी हुई है। अधिकांश देशों ने आम सभा, सुरक्षा परिषद और द्विपक्षीय बैठकों में फलस्तीनी बच्चों और नागरिकों की मौतों पर ध्यान केंद्रित किया। बैठक में मौजूद नहीं था इस्राइल इस बैठक में इस्राइल मौजूद नहीं था, क्योंकि यह यहूदी नववर्ष का समय था। अमेरिका ने अपने उच्च स्तरीय प्रतिनिधि को भेजा। 7 अक्तूबर 2023 के बाद से सुरक्षा परिषद ने गाजा युद्ध पर 80 बैठकें की हैं। इन बैठकों में, अमेरिका ने बार-बार युद्धविराम प्रस्तावों को रोक दिया। यह कदम परिषद की प्रभावशीलता और प्रासंगिकता पर सवाल खड़ा करता है। ये भी पढ़ें:Palestine Conflict:US फलस्तीन को मान्यता के खिलाफ; निंदा कर बोले ट्रंप- ऐसे फैसलों से बढ़ेगा हमास का अत्याचार अमेरिका और इस्राइल की प्रतिक्रिया संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत माइक वाल्ट्ज ने कहा कि यह बैठक यहूदी त्योहार रोश हशाना पर बुलाना 'खेदजनक' था, क्योंकि इससे इस्राइल को बाहर रखा गया। उन्होंने कहा, 'यह नाटक निराशाजनक है। यह घरेलू राजनीति से प्रेरित है और हमास को इनाम दे रहा है।' उन्होंने कहा कि परिषद को हमास को खत्म करने पर ध्यान देना चाहिए। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुझाव दिया कि फलस्तीनी राष्ट्र की मान्यता के जवाब में वे वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों को अपने में जोड़ सकते हैं। यह कदम अगले हफ्ते होने की संभावना है। अन्य अमेरिकी सहयोगी देशों की नाराजगी भी बढ़ रही है। डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने कहा, 'गाजा में युद्ध खत्म होना चाहिए। सुरक्षा परिषद को यह मांग करने में सक्षम होना चाहिए। पिछले हफ्ते 14 सदस्य इसके लिए तैयार थे। हमें उम्मीद है कि जल्द ही सभी 15 सदस्य ऐसा करेंगे।'
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 24, 2025, 04:37 IST
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