UK India Trade: ब्रिटेन के व्यापार मंत्री ने कहा- भारत के साथ एफटीए वार्ता को पटरी पर लाने के लिए गतिरोध खत्म

भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत करने के प्रभारी ब्रिटेन के व्यापार मंत्री ने मंगलवार को स्वीकार किया कि वार्ता में "थोड़ा गतिरोध" आ गया था, जिसे उन्होंने पिछले महीने नई दिल्ली आकर खत्म किया।ब्रिटेन की व्यापार मंत्री केमी बडेनोच ने कहा कि सौदा अब ट्रैक पर वापस आ गया है। उन्होंने कहा किब्रिटेन में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच पिछले साल अक्तूबर में पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा निर्धारित एफटीए के लिए दीवाली 2022 की समय सीमा तक डील संभव नहीं थी और इसलिए इसे बदलना पड़ा। लंदन में लैंकेस्टर हाउस को संबोधित करते हुए अपनेभाषण में केमी बडेनोच ने व्यापार के लिए शीर्ष पांच प्राथमिकताएंरखीं।मंत्री ने जोर देकर कहा कि वह दिल से इस समस्या का समाधान चाहती हैंऔर उन्हें विश्वास है कि भारत के साथ एक उच्च गुणवत्ता वालासौदा होगा।केमी ने व्यापार सभा को बताया कि आप में से कुछ को पता होगा कि मैं राजनेता बनने से पहले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर औरसिस्टम विश्लेषक थी। इसका मतलब है कि मैं दिल में समस्या का समाधानकर्ता हूं। उन्होंने कहा किइसलिए जब हमारी भारतीय व्यापार वार्ता में थोड़ा गतिरोध आया, तो मैंने फोन नहीं उठाया, बल्किमैंविमान पर सवार होकर दिल्ली पहुंची। यह सौदा अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन यह वापस ट्रैक पर आ गया है। ब्रिटेन में सातवें दौर की वार्ता की उम्मीद बडेनोच अपने समकक्ष, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ बातचीत करने और एफटीए वार्ता के छठे दौर की शुरुआत करने के लिए दिसंबर की शुरुआत में नई दिल्ली आई थीं।आने वाले हफ्तों में ब्रिटेन में सातवें दौर की वार्ता की उम्मीद है,दोनों पक्ष वार्ता को पूरा करने के लिए एक नई समय सीमा निर्धारित करने के लिए अनिच्छुक हैं। व्यापारिक सौदों को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल करते हुएब्रिटिश मंत्री ने कहा कि हम भारत और सीपीटीपीपी (ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप के लिए व्यापक और प्रगतिशील समझौता)के साथ उच्च गुणवत्ता वाले सौदे परमुहर लगाएंगे।उनके पास लगभग दो अरबउपभोक्ताओं की एक संयुक्त आबादी है जो आने वाले वर्षों के लिए तेजी से बढ़ते बाजारों में रोमांचक अवसरों को खोल रही हैं। केमी ने कहा किलेकिन मैं स्पष्ट करनाचाहतीहूं कि केवल बिंदीदार रेखा पर हस्ताक्षर करना हमाराउद्देश्य नहीं है। इन सौदों पर तभी सहमति बनेगी जब वे इस देश के लोगों के लिए सही सौदे हों।हमारा मकसदपीछे रह गए समुदायों के लिए नौकरियां और निवेश लाना और उन क्षेत्रों का लाभ उठाना है जिनमें हम विशेषज्ञता रखते हैं।ब्रिटेन के व्यवसायों के लिए भारतीय बाजार खोलने में उनके अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग (डीआईटी) द्वारा किए जा रहे कार्यों के संदर्भ मेंमंत्री ने उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड में पालतू जानवरों के लिए भोजन बनाने वाली कंपनी का उदाहरण दिया।वेटप्लस नाम की लंकाशायर फर्म ने भारत मेंपालतू जानवरों के लिए खाद्य उत्पादों को बेचने में कागजी कार्रवाई की समस्याको लेकर हाल ही में डीआईटी से संपर्क किया है। उन्होंने घोषणा की किहमने इसे ठीक कर दिया है। और कंपनी अब अगले पांच वर्षों में1.5 मिलियन ब्रिटिश पाउंड का अतिरिक्त व्यवसाय करने की उम्मीद करती है। 2023 के लिए अपनी योजनाओं को प्रस्तुत करते हुएव्यापार मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन के व्यवसायों को अधिक बिक्रीऔर ज्यादाबढ़ने में मदद करने, नए रोजगार सृजित करने और उच्च मजदूरी का भुगतान करने में मदद करने के लिए रास्ते में आने वाले 100 अनावश्यक अवरोधकोंको हटाते हुए व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए वह वचनबद्ध हैं। उन्होंने कहा किमैं ब्रिटेन को यूरोप में निवेश करने के लिए सबसे आकर्षक जगह बनाना चाहतीहूं, जो दुनिया भर की कंपनियों को आकर्षित करे। ब्रिटेन सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत-ब्रिटेनद्विपक्षीय व्यापार वर्तमान में लगभग 29.6 बिलियन ब्रिटिश पाउंड प्रति वर्ष है। दोनों पक्षों ने औपचारिक रूप से पिछले साल की शुरुआत में दो तरफा आदान-प्रदान को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने की महत्वाकांक्षा के साथ एफटीए वार्ता शुरू की थी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 24, 2023, 23:43 IST
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